जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति द्वारा जारी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि भारत में उत्सर्जन में कटौती नहीं की गई तो मानवीय अस्तित्व की दृष्टि से असहनीय गर्मी से लेकर, भोजन और पानी की कमी तथा समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी से गंभीर आर्थिक क्षति तक हो सकती है.
भारत ने इस क़दम का विरोध करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर चर्चा का उचित मंच ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ यानी यूएनएफसीसीसी है, न कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद. भारत के अलावा वीटो का अधिकार रखने वाले रूस ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया, जबकि चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया.
तमिलनाडु में पिछले चार दिनों से हुई बारिश और बाढ़ के चलते सड़कें और फसलें जलमग्न हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और हज़ार से अधिक झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने फसल के नुकसान का आकलन और राहत कार्य में तेज़ी के लिए छह सदस्यीय मंत्रिस्तरीय पैनल का गठन करने का आदेश दिया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण विषम मौसम की घटनाओं में पिछले तीन महीने में देशभर में कम से कम 435 लोगों की मौत हो गई. इनमें आकाशीय बिजली गिरने से जान गंवाने वाले 240 लोग शामिल हैं. यह संख्या कुल हताहतों का 50 फीसदी से अधिक है. इन घटनाओं में हुई मौतों में से एक तिहाई मौत महाराष्ट्र में हुई.
जलवायु परिवर्तन पर आई आईपीसीसी की हालिया रिपोर्ट बताती है कि अगर पृथ्वी के जलवायु को जल्द स्थिर कर दिया जाए, तब भी जलवायु परिवर्तन के कारण जो क्षति हो चुकी है, उसे सदियों तक भी ठीक नहीं किया जा सकेगा. आईपीसीसी इस बात की पुष्टि करता है कि 1950 के बाद से अधिकांश भूमि क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी, हीटवेव और भारी बारिश भी लगातार और तीव्र हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘मानवता के लिए कोड रेड’ क़रार
पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर ज़िले से हैं. पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र में हो रही भारी बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली और सतारा आदि ज़िले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. कर्नाटक में भारी बारिश में तीन लोगों की मौत और हज़ारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
महाराष्ट्र के तटीय रायगढ़ ज़िले में यह हादसा महाड तहसील के तलाई गांव में बृहस्पतिवार शाम को हुआ. इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई के गोवंडी में मकान ढहने से चार की मौत होने की सूचना है. पिछले दो दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली और सतारा ज़िलों में भीषण बाढ़ आई हुई है, जिसके कारण कई हादसे भी हो चुके हैं.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट द्वारा जारी ‘भारत के पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट 2021’ के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पलायन के लिहाज़ से भारत दुनिया का चौथा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है. चीन, फिलीपींस और बांग्लादेश में पिछले साल सर्वाधिक पलायन हुआ. प्रत्येक देश में 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
एक्शन एड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने की राजनीतिक असफलता के कारण अकेले दक्षिण एशिया में बड़ी संख्या में विस्थापन होगा और यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं से जूझेगा.
वीडियो: बाढ़ बिहार की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. इसके बावजूद बिहार के लोगों को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए किसी भी सरकार द्वारा पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा खानम शेरवानी की सारण ज़िले कुछ गांवों में लोगों से बातचीत.
पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी वर्षा और बाढ़ से 3,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उत्तर कर्नाटक सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा, जहां पिछले तीन महीने में तीसरी बार बाढ़ आई है. तेलंगाना ने बारिश और बाढ़ के कारण छह हज़ार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है.
इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन मंगलवार को देशभर में शुरू हो गई. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहने वाले छात्र, जो परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच सकते, वे दोबारा परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को आवेदन कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कि बीते दो दिन से राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश से 12 ज़िलों के 454 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. इन गांवों के 7,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.
गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण नदियां उफ़ान पर हैं. शनिवार और रविवार को मिलाकर राज्य में 21 लोगों की मौत की सूचना है. बिहार के 16 ज़िलों में 83.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उत्तर प्रदेश के एक हज़ार से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं और राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है.
वीडियो: कोरोना वायरस, बाढ़ की विभीषिका, बेकारी-बेहाली के दौर में भी मीडिया, खासकर न्यूज़ चैनल अभिनेता सुशांत सिंह प्रकरण में बड़े मसलों से ध्यान हटाने और एक तरह का ‘मीडिया ट्रायल’ चलाते नज़र आ रहे हैं. कुछ चैनल प्रोफेसरों-लेखकों को फंसाने में क्यों जुटे हैं? मीडिया बोल के नए एपिसोड में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा.