रेलवे पुलिस के अनुसार, घटना के बाद सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह की आवाज़ के नमूने और तस्वीरों के मिलान के लिए फॉरेंसिक जांच कराई गई थी, जिसमें सिंह के होने की पुष्टि हो जाने के बाद मामले में नफ़रत फैलाने संबंधी आईपीसी की धारा जोड़ी गई है.