बड़ी मंदी की ओर बढ़ रहा भारत, आईसीयू में जा रही अर्थव्यवस्था: पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार

नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहते हुए अरविंद सुब्रमण्यन ने दिसंबर 2014 में दोहरे बैलंस शीट की समस्या उठाई थी, जिसमें निजी उद्योगपतियों द्वारा लिए गए कर्ज बैंकों के एनपीए बन रहे थे. सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से दोहरे बैलेंस शीट के संकट से जूझ रही है.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जीडीपी पर अरविंद सुब्रमण्यम के दावे को ख़ारिज किया

देश के पूर्व मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा था कि साल 2011-12 से 2016-17 के दौरान देश के जीडीपी आंकड़े को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया. इस दौरान जीडीपी सात फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी बढ़ी है.

2011-12 से 2016-17 के बीच में जीडीपी 7 फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी दर से बढ़ी: अरविंद सुब्रमण्यम

देश के पूर्व मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि साल 2011-12 से 2016-17 के दौरान देश के जीडीपी आंकड़े को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया. इस दौरान जीडीपी सात फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी की दर से बढ़ी है.

अगर 35 लाख लोगों की नौकरी गई है तो मोदी-शाह किन्हें रोज़गार देने की बात कर रहे हैं

उन 35 लाख लोगों को प्रधानमंत्री सपने में आते होंगे, जिनके एक सनक भरे फैसले के कारण नौकरियां चली गईं. नोटबंदी से दर-ब-दर हुए इन लोगों तक सपनों की सप्लाई कम न हो इसलिए विज्ञापनों में हज़ारों करोड़ फूंके जा रहे हैं. मोदी सरकार ने साढ़े चार साल में करीब 5000 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट के विज्ञापनों पर ख़र्च किए हैं.

अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला का प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद से इस्तीफ़ा

सुरजीत भल्ला का इस्तीफ़ा ऐसे समय में आया है जब बीते 15 महीनों में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम समेत 3 अर्थशास्त्री सरकार का साथ छोड़ चुके हैं.