जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में से दो सीटों पर भाजपा, दो पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. वहीं, चुनावी मैदान में उतरे 100 उम्मीदवारों में से 89 की ज़मानत ज़ब्त हुई है.
श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित कश्मीर की सबसे बड़ी जामिया मस्जिद में 14 अप्रैल को रमज़ान के महीने के आख़िरी शुक्रवार की नमाज़ अदा की जानी थी, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सुबह-सुबह ही पहुंचकर मस्जिद ख़ाली करा दी और दरवाज़े पर ताले लगा दिए.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तो उन्हें ‘अंबानी’ और ‘आरएसएस से संबद्ध’ एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले में 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. जब आरएसएस नेता राम माधव से कहा गया कि वह उस समय जम्मू कश्मीर में थे, तो उन्होंने कहा कि आरएसएस का कोई भी व्यक्ति ऐसा कुछ नहीं करेगा.
जम्मू कश्मीर के पूर्व और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कथित तौर पर कहा था कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती को रोशनी योजना का लाभ मिला था. मुफ़्ती ने एक क़ानूनी नोटिस भेजकर 10 करोड़ रुपये के मुआवजे़ की मांग की हैं. साल 2001 में लागू रोशनी योजना का उद्देश्य राज्य की ज़मीन पर क़ब्ज़ा रखने वाले लोगों को शुल्क के एवज में उसका मालिकाना हक़ देना था. हालांकि हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर
सूचना का अधिकार के तहत हासिल जवाब में पाया गया कि दो अन्य लोगों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता राजस्व विभाग के दस्तावेज़ों में साल 2010 से 2017 के दौरान राज्य में सरकारी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ेधारक के रूप में पाए गए हैं. हालांकि गुप्ता ने इससे इनकार किया है.
रोशनी क़ानून निरस्त करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिकाएं सुनने से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो समानांतर कार्यवाही नहीं चल सकतीं. सभी याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार करने वाली पीठ के पास जाना चाहिए और उच्च न्यायालय को इन सभी को सुनना चाहिए.
साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार सरकारी ज़मीन पर काबिज़ लोगों को उसका मालिकाना हक़ दिलाने के लिए रोशनी क़ानून लेकर आई थी. साल 2014 में कैग ने इसे 25 हज़ार करोड़ का घोटाला क़रार दिया. अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.
जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनज़र श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में कर्फ़्यू लगाया गया है, क्योंकि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित संगठन पांच अगस्त को काला दिवस मनाने की योजना बना रहे हैं.
राजस्थान की सियासी खींचतान पर बात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अख़बार से कहा था कि उमर और महबूबा मुफ़्ती पर एक ही क़ानून की समान धाराएं लगाई गई थीं. मुफ़्ती अब भी हिरासत में हैं जबकि अब्दुल्ला बाहर हैं. क्या यह इसलिए है क्योंकि अब्दुल्ला सचिन पायलट के साले हैं?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर हमला करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मेघालय के राज्यपाल का बयान बहुत ही खेदजनक है. भारत सरकार को उन्हें तुरंत बर्ख़ास्त करना चाहिए.