पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के कुछ दिन बाद शाह फैसल को हिरासत में ले लिया गया था.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जम्मू कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ नज़रबंद हैं. उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाया कि उनके पति को पीएसए के तहत घर में ही नज़रबंद करने की वजह आज तक नहीं बताई गई हैं.
भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी का गठन करने वाले शाह फैसल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से नज़रबंदी में हैं और उन पर इस साल फरवरी में जन सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई थी.
पुलिस ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली की सीमा अंतर्गत आने वाले मोती दमन पुलिस थाने में 21 अप्रैल को पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत भी मामला दर्ज किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया जा चुका है.
पूर्व नौकरशाह और कश्मीरी नेता शाह फैसल को अगस्त 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान भरने से रोके जाने के बाद श्रीनगर ले जाया गया था, तब से वे हिरासत में हैं. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया था.
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों को लेकर इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि आरोपपत्र में उन्हीं आरोपों को शामिल किया गया है, जो इस्तीफा देने के दो महीने बाद विभागीय जांच के लिए भेजे गए ज्ञापन में थे.
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के अधिकारियों ने कहा कि कन्नन गोपीनाथन के दौरे की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और वे आवेदन मांगकर विश्वविद्यालय केवल प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे.
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के डिप्टी कमिश्नर शशिकांत सेंथिल ने कहा कि ऐसे समय में जब अभूतपूर्व तरीके से लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे से समझौता किया जा रहा है, ऐसे में उनका प्रशासनिक कर्मचारी के बतौर सरकार में बने रहना अनैतिक होगा.
दमन और दीव के कार्मिक विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर लिया जाता है, तब तक उन्हें निर्धारित काम करने होंगे.
वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश के बाद लगी पाबंदियों पर सवाल उठाते हुए आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफ़ा दे दिया है. उनसे मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
केरल कैडर के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि आज से बीस साल बाद अगर लोग मुझसे पूछेंगे कि जब देश के एक हिस्से में आभासी आपातकाल लगा दिया गया था तब आप क्या कर रहे थे तब कम से कम मैं यह कह सकूंगा कि मैंने आईएएस से इस्तीफ़ा दे दिया था.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.
पुलवामा हमले के बाद भी जम्मू कश्मीर में केंद्रीय बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई थीं. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जो सैन्य विकल्प से नहीं सुलझेगी.
बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद प्रशासन द्वारा कई राजनीतिक और अलगाववादियों नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई थी.