अखिल भारतीय छात्र संघ की दो महिला छात्र कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब वे लखीमपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, तो महिला पुलिसकर्मियों में उन्हें हिरासत में लेने के दौरान उनके कपड़े फाड़े, बर्बर तरीके से पीटा और यहां तक उनके निजी अंगों पर हमला किया.
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का यह बयान ऐसे वक़्त आया है, जब लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस, सपा और बसपा समेत कई दल सत्तारूढ़ भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रामक हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्ख़ास्त करने की मांग के साथ जनता से विधानसभा चुनाव में सरकार को सत्ता से बाहर करने का आह्वान कर रहे हैं.
भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष ग़रीब किसानों की निर्दयी हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है. बीते कुछ दिनों से वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग भी की थी.
लखीमपुर हिंसा मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे डीजीपी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया है. आशीष मिश्रा पर आरोप लगा कि वह उन वाहनों में से एक में सवार थे, जिसने बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
वीडियो: बीते तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह की भी जान चली गई थी. उनके परिवार का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार से कुचलकर उनकी मौत हुई. परिवार दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. याक़ूत अली और मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने ज़िले में स्थित उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर किसान नेता
जो लोग विपक्ष पर राजनीति करने की तोहमत मढ़ रहे हैं, वे भी एक ख़ास तरह की राजनीति ही कर रहे हैं. जब वे किसी भी तरह अप्रिय सवालों को टालने की हालत में नहीं होते, तो चाहते हैं कि वे पूछे ही न जाएं!
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के संगठन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच और जांच आयोग को ख़ारिज करता है. मोर्चा ने मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और इसकी निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा किए जाने की मांग उठाई.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की सूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आप क्या संदेश दे रहे हैं. क्या अन्य आरोपी, जिनके ख़िलाफ़ हत्या के तहत मामला दर्ज किया जाता है, उसके साथ भी ऐसा ही व्यवहार होता है. शुक्रवार को आशीष मिश्रा पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे आशीष मिश्रा द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
वीडियो: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा पत्रकार रमन कश्यप की भी जान चली गई थी. रमन लखीमपुर खीरी में एक स्थानीय मीडिया संगठन में कार्यरत थे. उनके परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. द वायर के याक़ूत अली और मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट.
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि एक एसयूवी गाड़ी में कांग्रेस से पूर्व राज्यसभा सांसद अखिलेस दास के भतीजे अंकित दास भी थे. दास का लखनऊ में बिजनेस है और उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का क़रीबी माना जाता है. अजय मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे
वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. इसके अलावा किसानों का आरोप है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है, उसमें गोली लगने का जिक्र नहीं है, जबकि मौत का कारण वाहन से कुचलने के अलावा गोली लगना भी है. किसानों में इस बात को लेकर भी रोष है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय
वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के सामूहिक बलात्कार और मौत के बाद किसी अन्य घटना ने इतना ध्यान आकर्षित नहीं किया, जितना हाल ही में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को निर्ममतापूर्ण तरीके से कुचल देने की घटना ने किया है. दूसरी ओर ठोस कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार की ढिलाई ने किसानों के गुस्से को शांत करने के बजाय और बढ़ा दिया है.