अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक 'फ्रीडम हाउस' ने 'फ्रीडम इन द वर्ल्ड' 2023 संस्करण में भारत को सौ में से 66 अंकों के साथ 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' देश मानते हुए कहा है कि भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों को ख़तरा बना हुआ है, आरटीआई क़ानून कमज़ोर हुआ है, लोकायुक्त संस्थाएं निष्क्रिय हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं.
स्वीडन के इस इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में भाजपा और नरेंद्र मोदी की जीत के बाद से देश का लोकतांत्रिक स्वरूप काफी कमज़ोर हुआ है और अब ये ‘तानाशाही’ की स्थिति में आ गया है.
लोकतंत्र निगरानी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी. इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को ‘उपदेशों’ की जरूरत नहीं है.
अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.
मानवाधिकार संस्था फ्रीडम हाउस ने अपने अध्ययन में आॅनलाइन आज़ादी के मामले में भारत को आंशिक स्वतंत्रता वाले देश में शामिल किया है.