पुलिस से मारपीट के आरोप में अर्णब गोस्वामी, उनकी पत्नी, बेटे और दो अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में एक इंटीरियर डिज़ाइनर और उनकी मां की आत्महत्या मामले में बीते चार नवंबर को गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

महाराष्ट्र: अर्णब गोस्वामी को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में हुए एक इंटीरियर डिज़ाइनर और उनकी मां की आत्महत्या से जुड़े मामले में अलीबाग पुलिस द्वारा बुधवार सुबह उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था. छह घंटे तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने दो अन्य आरोपियों को भी 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

महाराष्ट्र: 2018 के एक आत्महत्या मामले में अर्णब गोस्वामी गिरफ़्तार

पुलिस के अनुसार अलीबाग पुलिस की एक टीम ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में हुए एक इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या से जुड़े मामले में बुधवार सुबह उनके घर से गिरफ़्तार किया है.

आतंकी फंडिंग के आरोप में एनआईए ने जम्मू कश्मीर में कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के यहां छापा मारा

एनआईए ने दावा किया है कि उन्हें सूचना मिली थी कि ये सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ और मीडिया संगठन दान और कारोबारी योगदान के माध्यम से देश और विदेश से चंदा एकत्र करते हैं और उसका इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में करते हैं.

श्रीनगर: बिना कारण बताए कश्मीर टाइम्स का दफ़्तर सील, संपादक ने कहा- बदले की कार्रवाई

कश्मीर टाइम्स की मालिक और कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने कहा कि बिना कोई नोटिस दिए और बगैर क़ानूनी प्रक्रिया का पालन किए उनके दफ़्तर पर ताला डाल दिया गया है. वहीं जम्मू कश्मीर प्रशासन का कहना है कि उन्होंने पूर्व में आवंटित घर को केवल ‘अपने अधिकार में’ लिया है.

मीडिया की निष्पक्ष और सही रिपोर्टिंग पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर में एक अख़बार के पत्रकार पर कथित फ़र्ज़ी ख़बर लिखने के मामले में दर्ज एफआईआर को ख़ारिज करते हुए कहा कि किसी ऐसी घटना के बारे में बताना, जिसे सच मानने के लिए रिपोर्टर के पास वाजिब वजह है, अपराध नहीं हो सकता.

मीडिया में गंभीर संकट का हवाला देते प्रेस काउंसिल के सदस्य ने इस्तीफ़ा दिया

भारतीय प्रेस काउंसिल के सदस्य बीआर गुप्ता ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि काउंसिल पर लगातार मीडिया और मीडिया पेशेवरों को प्रोत्साहित करने की ज़िम्मेदारी थी लेकिन अब इसका लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है. साथ ही मुझे लगता है कि मैं मीडिया की स्वतंत्रता के लिए कुछ भी उल्लेखनीय नहीं कर पा रहा हूं.

लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए राज्य आपराधिक मानहानि का इस्तेमाल नहीं कर सकते: मद्रास हाईकोर्ट

मीडिया संगठनों के ख़िलाफ़ तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर याचिका को मद्रास हाईकोर्ट ने ख़ारिज करते हुए कहा कि राज्य को आपराधिक मानहानि के मुकदमे दायर करने में बेहद संयम और परिपक्वता दिखानी चाहिए.

संपादकीय: द वायर के पांच साल

पांच साल पहले हमने कहा था कि हम नये तरीके से ऐसे मीडिया का निर्माण करना चाहते हैं जो पत्रकारों, पाठकों और जिम्मेदार नागरिकों का संयुक्त प्रयास हो. हम अपने इस सिद्धांत पर टिके रहे हैं और यही आगे बढ़ने में हमारी मदद करेगा.

कोरोना वायरस: तमिल समाचार चैनल के 25 लोग संक्रमित पाए गए

तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने अनेक पत्रकारों के संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर चिंता जताते हुए सरकार तथा अन्य लोगों से अपील की है कि लॉकडाउन समाप्त होने तक सभी संवाददाता सम्मेलन स्थगित कर दिये जाएं तथा राज्य सरकार सभी पत्रकारों की कोरोना जांच युद्धस्तर पर कराए.

कोरोना वायरस: मुंबई में 171 में से 53 मीडियाकर्मी से संक्रमित पाए गए

मुंबई के मामलों के सामने आने के बाद ही सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अखबार और मीडिया प्रतिष्ठानों को एक सलाह जारी की जा रही है. देश में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र अब तक संक्रमण के 4,666 मामले सामने आ चुके हैं और 232 लोग जान गंवा चुके हैं.

कोई भी लोकतंत्र मीडिया का मुंह बंद करके वैश्विक महामारी से नहीं लड़ रहा है: एडिटर्स गिल्ड

इस हफ़्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मीडिया कोरोना वायरस संबंधी कोई भी जानकारी छापने या दिखाने से पहले सरकार से इसकी पुष्टि कराए. इसके बाद अदालत ने मीडिया को निर्देश दिया कि वे ख़बरें चलाने से पहले उस घटना पर आधिकारिक बयान लें.

जम्मू कश्मीर: पर्यटकों का स्वागत, पर प्रेस काउंसिल को मनाही

जम्मू कश्मीर सरकार ने पर्यटकों को राज्य में आने की अनुमति देने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि उनकी फैक्ट-फाइंडिंग टीम 4 नवंबर के बाद ही राज्य में आ सकती है.

जब पत्रकार सत्ता की भाषा बोलने लगें…

सरकार के हस्तक्षेप या प्रबंधन के दबाव का आरोप लगाना एक कमज़ोर बहाना है- मीडिया पेशेवरों ने स्वयं ही ख़ुद को अपने आदर्शों से दूर कर लिया है. वे बेआवाज़ को आवाज़ देने या सत्ताधारी वर्ग से जवाबदेही की मांग करने वाले के तौर पर अपनी भूमिका नहीं देखते हैं. अगर वे खुद व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे, तो वे व्यवस्था से सवाल कैसे पूछेंगे?

आपातकाल: नसबंदी से मौत की ख़बरें न छापी जाएं

आपातकाल के 44 साल बाद इन सेंसर-आदेशों को पढ़ने पर उस डरावने माहौल का अंदाज़ा लगता है जिसमें पत्रकारों को काम करना पड़ा था, अख़बारों पर कैसा अंकुश था और कैसी-कैसी ख़बरें रोकी जाती थीं.

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