असम: नागरिकता मामले में निधन के छह साल बाद विदेशी न्यायाधिकरण ने मृतक को नोटिस भेजा

असम के कछार ज़िले में उधारबंद के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामा चरण दास के ख़िलाफ़ 2015 में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मई 2016 में उसकी मृत्यु हो गई थी. परिवार ने इस संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया था और उसी साल सितंबर में इसी अधिकरण के सदस्य ने दास का मामला बंद कर दिया था.

असमः हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फॉरेन ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित महिला को नागरिकता दी

19 सितंबर 2017 को फॉरेन ट्रिब्यूनल-6 ने असम में कछार ज़िले के सोनाई के मोहनखल गांव की 23 वर्षीय सेफाली रानी दास को सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद विदेशी घोषित कर दिया था. महिला के हाईकोर्ट का रुख़ करने के बाद उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का एक और मौका दिया गया था.

असमः हाईकोर्ट ने कछार के परिवार को ‘विदेशी’ घोषित करने का फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल का आदेश रद्द किया

असम के एक विदेशी न्यायाधिकरण ने कछार ज़िले के एक परिवार के पांच सदस्यों को अप्रैल 2018 में दिए एकतरफा आदेश में विदेशी घोषित कर दिया था. गौहाटी हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को यह सिद्ध करने के लिए अवसर दिया जाना चाहिए कि वे भारतीय हैं न कि विदेशी.

असम के 33 ज़िलों में 200 अतिरिक्त विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण बनाएगी सरकार

असम में अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख से ज़्यादा आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे. एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उन्हें अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के 120 दिन के भीतर विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करनी होगी.

एनआरसी से बाहर हुए लोगों से नहीं छिनेगा मताधिकार, नहीं माने जाएंगे डी-वोटर: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार जिन रजिस्टर्ड वोटर का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आया है, वे डी-वोटर नहीं कहलाएंगे. असम में डाउटफुल या संदिग्ध वोटर उन मतदाताओं की श्रेणी है, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में होती है.