अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि क़ानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है. एफ़आईआर किताब की लेखक डॉ. फ़रहत ख़ान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्रोफेसर मिर्ज़ा मोजिज बेग के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है.
मामला इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय का है. एबीवीपी ने हंगामा करते हुए दावा किया था कि महाविद्यालय में कुछ शिक्षक विद्यार्थियों के बीच कट्टरता, लव जिहाद और देश के संबंध में नकारात्मक बातों को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके बाद कॉलेज द्वारा अस्थायी तौर पर हटाए गए छह अध्यापकों में से चार मुस्लिम हैं.
केरल में पिछले हफ़्ते हुईं दो राजनीतिक हत्याओं पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क मंत्री एमवी गोविंदन ने कहा कि अल्पसंख्यक कट्टरवाद और बहुसंख्यक कट्टरवाद को एक चश्मे से नहीं देख सकते. बहुसंख्यक कट्टरवाद अधिक ख़तरनाक है, वह हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है. अल्पसंख्यक कट्टरवाद, बहुसंख्यक कट्टरवाद का विरोध करने के लिए पनपता है.