गढ़चिरौली में बीते दिनों हुए 'एनकाउंटर' में कसनसुर गांव के लोग बच तो गए लेकिन उनके चेहरों पर चिंता साफ़ दिखती है. वे दशकों से जिस भंवरजाल में फंसे हैं, वहां हमेशा एक तरफ पुलिस का ख़तरा बना रहता है तो दूसरी ओर नक्सलियों का.
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सी-60 कमांडो और नक्सलियों के बीच कथित मुठभेड़ में 40 लोगों की मौत हो जाने के बाद, एक गांव अपने मृतकों की पहचान करने का इंतज़ार कर रहा है.
प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों ने उनके काडरों को ज़हर देकर मारा है. संगठन ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की है.
2003 में महाराष्ट्र सरकार ने नक्सल-विरोधी अभियान के तहत गांवों को 'नक्सल-मुक्त' बनाने के लिए इनाम देना शुरू किया. इस प्रक्रिया में आम गांव वालों को नक्सली बताकर फ़र्ज़ी आत्मसमर्पण करवाया जा रहा है.