इंदौर के भवरकुआ क्षेत्र में पिछले 35 वर्षों से शिखर गरबा मंडल द्वारा गरबा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. हालांकि, इस वर्ष बजरंग दल के सदस्यों ने कार्यक्रम के मुस्लिम आयोजक फ़िरोज़ ख़ान पर 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने एक कार्यक्रम के दौरान उन अटकलों को ख़ारिज कर दिया कि राज्य में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतें कोविड-19 के कारण हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन और विश्लेषण कराए जाने की ज़रूरत है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे के दौरान एंबुलेंस सेवा के लिए 500 से अधिक कॉल की गईं और सरकार ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही गरबा आयोजकों से सभी आवश्यक उपाय करने को कहा गया है, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि लोगों को अस्वस्थ महसूस होने पर अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध हैं.
बीते 3 अक्टूबर को खेड़ा ज़िले के एक गांव में एक मस्जिद के पास गरबा कार्यक्रम का विरोध किए जाने के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी मुस्लिम युवकों को पोल से बांधकर उन्हें लाठियों से पीटते नज़र आए थे. पीड़ितों ने 15 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
खेड़ा जिले के उंधेला गांव में बीते तीन अक्टूबर को एक मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने का विरोध करते हुए मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल पर कथित तौर पर पथराव किया था. इसके बाद सामने आए कुछ वीडियो दिखाते हैं कि पुलिस ने कुछ युवकों की सार्वजिनक रूप से पिटाई की थी.
मंदसौर ज़िले के सुरजानी गांव में पुलिस को दो गुटों के आपसी विवाद के बाद गरबा पंडाल में पथराव की घटना संबंधी सूचना मिली थी, जिसको लेकर 19 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया और तीन आरोपियों के 4.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के निर्माण को अवैध बताकर ढहा दिया गया.
मामला गुजरात के खेड़ा ज़िले का है. आरोप है कि मुस्लिम समुदाय मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने का विरोध कर रहा था, जिसके चलते उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पथराव कर दिया. बाद में पुलिस ने तीन संदिग्ध हमलावरों को गांव के चौराहे पर खड़ा करके सबके सामने लाठियों से पीटा. वहीं, सूरत में गरबा पंडाल के आयोजकों को इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने ग़ैर-हिंदुओं को काम पर रखा था.