गाजा संघर्ष के बीच हज़ारों छात्रों, शिक्षकों ने आईआईएससी से भारत-इज़रायल सम्मेलन रद्द करने को कहा

देश और दुनिया के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 1,300 से अधिक छात्रों और संकाय सदस्यों ने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में 23 सितंबर को आयोजित 'भारत-इज़रायल व्यापार शिखर सम्मेलन' को अनुचित बताते हुए चिंता जताई थी कि ये गाजा में इज़रायल की सैन्य कार्रवाइयों के लिए समर्थन का संकेत होगा.

संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन से इज़रायली कब्ज़ा हटाने संबंधी प्रस्ताव पर भारत ने नहीं दिया वोट

193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पेश प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया, जबकि इसके विरोध में 14 वोट पड़े. वहीं, भारत समेत 43 देशों ने मतदान नहीं किया. प्रस्ताव में मांग की गई कि इजरायल बिना किसी देरी के फ़िलस्तीनी क्षेत्र में अपना क़ब्ज़ा ख़त्म करे.

गाजा में मरने वालों की संख्या स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान से पांच गुना अधिक हो सकती है: लांसेट

इज़रायल और हमास के बीच लगभग नौ महीने से युद्ध जारी है. ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि फ़िलस्तीन क्षेत्र में पिछले महीने जून तक लगभग 37,000 लोग मारे गए हैं, जबकि मेडिकल जर्नल लांसेट के अनुसार, मरने वालों की वास्तविक संख्या 1,86,000 तक हो सकती है.

फिलिस्तीन: रफ़ाह पर इज़रायली सेना के हमले में 45 फिलिस्तीनियों की मौत

फिलिस्तीन प्राधिकरण के प्रवक्ता नाबिल अबू रुदेइनेह ने रफ़ाह में शरण लेने वाले विस्थापित फिलिस्तीनियों के शिविर पर हुए इज़रायली हमले को 'नरसंहार' बताया है. इज़रायली गोलाबारी और हवाई हमलों में कम से कम 45 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज़्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग हैं.

गाजा की सामूहिक क़ब्रों में पीड़ितों के हाथ बंधे हुए मिले: यूएन मानवाधिकार कार्यालय

बीते सप्ताह के आखिर में मध्य गाजा के ख़ान यूनिस के नासेर अस्पताल और उत्तरी इलाक़े में स्थित ग़ाज़ा सिटी के अल-शिफ़ा अस्पताल के मैदानों में सैकड़ों शव बरामद किए गए, जिन्हें ज़मीन में दबाए जाने के बाद उन स्थानों को कूड़े-कचरे से ढक दिया गया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय ने फ़िलिस्तीनी कविताओं पर कार्यक्रम को रद्द किया

इस संबंध में आयोजकों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जब रजिस्ट्रार से कार्यक्रम को अचानक रद्द करने का कारण पूछा गया, तो उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं दिया गया. जबकि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आर्ट्स फैकल्टी के डीन से पूर्व में ही लिखित अनुमति ले ली गई थी, और उस कक्ष में कोई अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तावित नहीं था.