एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में अमूल ने दूध की कीमतों में 3 रुपये की वृद्धि की, जो एक वर्ष में पांचवीं वृद्धि थी. फरवरी में दूध की खुदरा मुद्रास्फीति 9.65 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछले महीने 8.79 प्रतिशत थी, यह अनाज के बाद सबसे बड़ी वृद्धि है.
पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) द्वारा दुग्ध उत्पादक कंपनी अमूल को वीगन मिल्क यानी पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन पर विचार करने का सुझाव दिया गया है. अमूल की ओर से कहा गया है कि पेटा भारतीय डेयरी उद्योग की छवि को धूमिल कर 10 करोड़ लोगों की आजीविका को बर्बाद करने का प्रयास कर रहा है.