अबकी बार ‘मोदी परिवार’: क्या मोदी सरकार में बौखलाहट की वजह लालू-तेजस्वी के बयान हैं?

वीडियो: पटना के गांधी मैदान से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के बाद कैबिनेट मंत्रियों समेत सभी भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने नाम के साथ 'मोदी का परिवार' जोड़ा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

आईएएस अफ़सरों को ‘रथ प्रभारी’ बनाना न केवल अनैतिक, बल्कि ग़ैर-क़ानूनी भी है: पूर्व सचिव

सरकारी अधिकारियों को केंद्र सरकार के प्रचार अभियान में तैनात करने को लेकर भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित कर सकने वाली किसी गतिविधि में लोकसेवकों को शामिल करना चुनाव क़ानूनों का उल्लंघन है.

एक साथ चुनाव करवाने के लिए पर्याप्त ईवीएम जुटाने में चुनाव आयोग को सालभर लगेगा: रिपोर्ट

सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने के लिए ज़रूरी सेमीकंडक्टर और चिप्स की कमी है, जिसका अर्थ है कि एक साथ मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को तैयार होने में तक़रीबन एक साल तक का समय लगेगा.

मोदी सरकार के सरकारी अधिकारियों को ‘रथ प्रभारी’ बनाने के क़दम की आलोचना

17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.

आगामी लोकसभा चुनाव में क्या नेताओं की छवि पर भारी पड़ेंगे स्थानीय मुद्दे?

वीडियो: लोकसभा चुनाव में सालभर से कम समय बचा है. देश की युवा पीढ़ी जब अपना नेता चुनने की सोचती है, तो उसके लिए क्या महत्वपूर्ण है- कोई लोकलुभावन छवि वाला नेता या वो मुद्दे, जिनसे वो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दो-चार होते रहते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने साझा की अपनी राय.