उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख़्तार अंसारी की एक अस्पताल में मृत्यु के बाद उनके परिजनों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, बांदा की जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी को अचेतावस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अंसारी के परिजनों द्वारा लगातार जेल में उनकी जान को ख़तरा होने की बात कही जा रही थी.
बीते कुछ महीनों में ऐसे छोटे-बड़े क़रीब दर्जनभर ठग सामने आए हैं जो पीएमओ या गृह मंत्रालय के नाम पर चूना लगा रहे हैं. यह कुछ नेताओं के इर्द-गिर्द केंद्रित कामकाज की अपारदर्शी शैली का नतीजा है, जिसने सत्ता के धंधेबाजों की तरह-तरह की प्रजातियों के पनपने के लिए मुफ़ीद माहौल तैयार किया है.
3 अगस्त, 1991 को वाराणसी में कांग्रेस नेता अवधेश राय की उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस संबंध में मुख़्तार अंसारी व अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. 2005 से जेल में बंद अंसारी को बीते अप्रैल में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या से संबंधित मामले में भी दोषी ठहराया गया था.
3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता अजय राय और उनके भाई अवधेश वाराणसी में अपने घर के गेट पर खड़े थे. तभी कार से आए गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के तीन लैंडफिल स्थल ग़ाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला में क़रीब 80 फीसदी कचरा पुराना है और इसका अब तक निपटान नहीं किया गया है. नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है और संबंधित अधिकारी पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय करने में नाकाम रहे हैं.
यूपी के बांदा की एक जेल में बंद मुख़्तार अंसारी के ख़िलाफ़ हत्या, जबरन वसूली जैसे कई मामलों की जांच चल रही है. बताया जा रहा है कि ईडी की वर्तमान छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले से जुड़ी है, जिसमें उनके भाई और बसपा सांसद अफ़ज़ल अंसारी के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर भी छापा मारा गया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वांचल में मीडिया के एक तबके द्वारा बनाए गए ‘लाभार्थी नैरेटिव’ पर स्थानीय लोगों की बढ़ी हुई राजनीतिक चेतना हावी दिखती है. मीडिया में हो रही बहस के उलट ज़मीन पर तस्वीर कुछ अलग ही है.
सिटिज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस और स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा एकत्र डेटा बताता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार ज़िलों, ख़ासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 2019 के मुक़ाबले महामारी के दौरान मौत के आंकड़ों में 60% की बढ़ोतरी हुई.
बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवती और युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया था. आत्मदाह से पहले फेसबुक लाइव में यूपी के ग़ाज़ीपुर की रहने वाली युवती ने आरोप लगाया था कि बसपा सांसद अतुल राय ने 2019 में उनसे बलात्कार किया. इसके बाद सांसद के भाई ने जन्मतिथि संबंधित दस्तावेज़ में धोखाधड़ी के आरोप में युवती के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया. युवक की शनिवार को मौत हो गई थी.
बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवती के साथ युवक ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था. आत्मदाह से पहले फेसबुक लाइव में उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर की रहने वाली युवती ने आरोप लगाया था कि बसपा सांसद अतुल राय ने 2019 में उनके साथ बलात्कार किया था. इसके बाद सांसद के भाई ने जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज़ में धोखाधड़ी के आरोप में युवती के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया था. युवती फ़िलहाल वेंटिलेटर पर हैं.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर की रहने वाली युवती ने 2019 में बसपा सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. राय के भाई ने युवती के ख़िलाफ़ उनकी जन्मतिथि में कथित तौर पर छेड़छाड़ को लेकर पिछले साल नवंबर में वाराणसी में शिकायत दर्ज कराई थी. इसे लेकर युवती के ख़िलाफ़ गै़र-ज़मानती वारंट जारी किया गया था. युवती का आरोप है कि पुलिस आरोपी से मिली हुई हैं और उन्हें फंसा रही है.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 900 से अधिक शवों को नदी के किनारे दफनाया गया था. इसी तरह कन्नौज में यह संख्या 350, कानपुर में 400 और गाजीपुर में 280 है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले का मामला. आरोपी नाबालिग को गिरफ़्तार करने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे संरक्षण गृह भेज दिया गया है. उसके ख़िलाफ़ साज़िश रचने, अपहरण और शादी के लिए दबाव डालने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.
25 साल के हरीराम चौधरी द्वारका में रहकर मार्बल काटने का काम करते थे, जो दो महीने से ठप है. पांच दिन पहले अपनी मां की मौत की ख़बर पाने के बाद से वे घर जाने की उम्मीद लिए पैदल ही शहर भर की खाक़ छान रहे हैं.