केंद्रीय मंत्री बोलीं- फोन पर ‘क्या भूखे हैं’ पूछकर बनाते हैं हंगर इंडेक्स, विपक्ष ने की आलोचना

हैदराबाद में एक कार्यक्रम में शामिल हुईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर कहा कि इसके लिए 140 करोड़ के देश के 3,000 लोगों को फोन करके पूछा जाता है कि क्या वे भूखे हैं. बीते दिनों जारी इस साल के सूचकांक में भारत 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर आया है.

भारत के हंगर इंडेक्स में 111वें स्थान पर आने के बाद सरकार का रिपोर्ट मानने से इनकार क्यों?

वीडियो: हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत 125 देशों में से 111 वें स्थान पर रहा, जहां यह बस कुछ बहुत छोटे अफ्रीकी देशों को ही पीछे छोड़ सका. भारत सरकार ने रिपोर्ट की मेथोडोलॉजी को ग़लत बताते हुए इसे अस्वीकार किया है. इंडेक्स बनाने वाली एजेंसियों ने सरकार की आपत्तियों पर कहा है कि इनमें दम नहीं है. 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: 125 देशों की सूची में भारत 111वें स्थान पर

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत से नीचे रैंकिंग वाले देशों में तिमोर-लेस्ते, मोज़ाम्बिक, अफ़ग़ानिस्तान, हैती, लाइबेरिया, सिएरा लियोन, चाड, नाइजर, कांगो, यमन, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, बुरुंडी और सोमालिया शामिल हैं. भारत ने इसे यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया है कि रिपोर्ट तैयार करने की पद्धति दोषपूर्ण है.

वैश्विक भूख सूचकांक भारत की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाता, यह भूख मापने का ग़लत पैमाना: सरकार

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून 2013 लागू किया है, जो जनसंख्या के 67 प्रतिशत हिस्से की भूख का निराकरण करता है. साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है.

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत 71वें स्थान पर

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी अफोर्डेबिलिटी के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.

हंगर इंडेक्स: विपक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना, सरकार ने कहा- इस्तेमाल किया गया तरीका अवैज्ञानिक

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत के 101वें पायदान पर पहुंचने के लिए विपक्षी दलों ने केंद्र की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि यह सत्ताधीशों की कुशलता पर सीधा सवाल है. वहीं, सरकार ने इस गिरावट पर हैरानी जताते हुए रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘अवैज्ञानिक’ बताया है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भारत 116 देशों में 101वें स्थान पर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है. आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है.

हर चार में से तीन ग्रामीण भारतीयों को नहीं मिल पाता पौष्टिक आहार: रिपोर्ट

हाल ही में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत को 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर रखा गया है और देश भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है.

वैश्विक भूख सूचकांक में 107 देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर

वैश्विक भूख सूचकांक, 2020 में भारत पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं. वहीं, नेपाल और श्रीलंका की स्थिति इन देशों की तुलना में ठीक है. सूची में ये ‘मध्यम’ श्रेणी में हैं.

खाद्य सब्सिडी में 70,000 करोड़ रुपये की कटौती, प्रधानमंत्री की सुरक्षा का बजट बढ़ा

सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भी खाद्य सब्सिडी के बजट को कम करके 108688.35 करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कटौती की गई है.

भुखमरी से लड़ने में नाकाम भारत, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 117 देशों में 102वें स्थान पर

2019 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है, जहां भुखमरी गंभीर स्तर पर है.सूची के अनुसार पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार इस मामले में भारत से बेहतर स्थिति में हैं.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भुखमरी दूर करने में और पिछड़ा भारत, 119 देशों में से 103वें पर पहुंचा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में लगातार पिछड़ता जा रहा है. जहां साल 2014 में भारत 99वें स्थान पर था. वहीं साल 2015 में 93वें स्थान पर जा पहुंचा. इसके बाद साल 2016 में 97वें और साल 2017 में 100वें पायदान पर पहुंच गया.