पुण्यतिथि विशेष: पद्मभूषण से सम्मानित साहित्यकार बनारसीदास चतुर्वेदी बारह वर्षों तक सांसद भी रहे थे. हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि उनके साहित्यिक जीवन के शुरुआती दिन भारत से फिजी ले जाए गए गिरमिटिया मज़दूरों और दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों के संघर्षों के दस्तावेज़ीकरण में गुज़रे.
विशेष: उत्तर प्रदेश के बस्ती से सूरीनाम गए एक परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजमोहन ने अपने पुरखे गिरमिटिया मज़दूरों जीवन-गाथा को संगीत में ढाला है.