कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बुद्धि-ज्ञान-विचार-सृजन के लिए यह कठिन समय है और यह सोचना काफ़ी नहीं है कि जैसे हर समय अंततः बीत जाता है यह भी बीत जाएगा. इसका अभी सजग प्रतिकार ज़रूरी है. गीता हरिहरन की ‘दिस टू इज़ इंडिया’ यही करती है.
9 नवंबर, 2024 को ‘कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ (सीसीजी) ने दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया था, जिसमें राजनीतिक क़ैदियों के अधिकार, यूएपीए और पीएमएलए और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा की गई.
न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती फिलहाल दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.