पूर्व नौकरशाहों का सुप्रीम कोर्ट से ज़किया की याचिका पर ‘अनावश्यक टिप्पणी’ वापस लेने का आग्रह

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा क्लीनचिट दिए जाने को चुनौती देने वाली ज़किया जाफ़री की याचिका बीते 24 जून को ख़ारिज कर दी थी. पूर्व नौकरशाहों ने अपने पत्र में कहा है कि इस निर्णय का सबसे ख़तरनाक हिस्सा यह है कि अदालत एक सिद्धांत के साथ सामने आई है, जो राज्य को उन व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर मुक़दमा चलाने का आदेश देता है, जो जांच एजेंसियों

ऊपर हृषिकेश मुखर्जी ख़ैर मना रहे होंगे कि दिल्ली पुलिस की पकड़ से महफ़ूज़ निकल आए!

सरकार के कारिंदे आधी शती पहले की इमरजेंसी की ज़्यादतियों को कोसते हैं, पर देशवासी बिना किसी एलानिया इमरजेंसी के तबसे बदतर हालात में जी रहे हैं.

गुजरात दंगों के लिए क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री कभी जवाबदेह ठहराए जाएंगे: कांग्रेस

कांग्रेस ने ज़किया जाफ़री की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को निराशाजनक क़रार देते हुए सवाल किया कि क्या व्यापक सांप्रदायिक दंगों के मामलों में सिर्फ कलेक्टर और पुलिस उपाधीक्षक की ज़िम्मेदारी होती है, राजनीतिक पदों पर आसीन लोगों की नहीं? अगर राज्य हिंसा और दंगों की चपेट में आता है तो क्या मुख्यमंत्री, कैबिनेट और राज्य सरकार कभी जवाबदेह नहीं होंगी?

तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट की गिरफ़्तारी के विरोध में प्रदर्शन

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, आईपीएस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के ख़िलाफ़ एफ़आईआर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते 24 जून को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को 2002 के दंगा मामले में एसआईटी द्वारा दी गई क्लीनचिट को चुनौती देने वाली ज़किया जाफ़री की याचिका को ख़ारिज किए जाने के एक दिन बाद 25 जून को दर्ज की गई थी.

गुजरात: अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा

अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात के दो आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के ख़िलाफ़ बीते 25 जून को एक एफ़आईआर दर्ज की थी. इन तीनों पर गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआईटी को गुमराह करने की साज़िश रचने का आरोप है, जो गुजरात दंगे और नरेंद्र मोदी की बतौर मुख्यमंत्री इसमें अगर कोई भूमिका थी, की जांच कर रही थीं.

गुजरात दंगा: मोदी को सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट और तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी के मायने

वीडियो: साल 2002 में गुजरात की मुस्लिम विरोधी हिंसा में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने के निचली अदालत के फैसले का बरक़रार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़किया जाफ़री की याचिका ख़ारिज किए जाने के एक दिन से भी कम समय में राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने याचिकाकर्ताओं में से एक तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ़्तार कर लिया है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी से द वायर की सीनियर एडिटर

गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की मांग करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ़्तार

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ने गुजरात दंगों में गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री की क़ानूनी लड़ाई के दौरान उनका समर्थन किया था. अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज मामले में ​तीस्ता के अलावा आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार को भी आरोपी बनाया गया है.

नरेंद्र मोदी और अन्य को ​क्लीनचिट: ज़किया जाफ़री के बेटे ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश

गुजरात दंगों के दौरान ज़किया जाफ़री के पति कांग्रेस सांसद रहे एहसान जाफ़री अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को दंगों से संबंधित मामलों में दी गई क्लीनचिट के फैसले को चुनौती देने वाली ज़किया की अपील को बीते शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया था.

गुजरात दंगे: ज़किया की याचिका ख़ारिज; सुप्रीम कोर्ट ने मोदी व अन्य को मिली क्लीनचिट बरक़रार रखी

ज़किया जाफ़री के पति कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे. 2017 में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फ़ैसले, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को दंगों से संबंधित मामलों में ​क्लीनचिट दे दी गई थी, को बरक़रार रखा था.

एसआईटी ने अदालत से कहा- 2002 के गुजरात दंगों में किसी का बचाव नहीं किया

गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने वर्ष 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीनचिट को चुनौती दी है. उन्होंने दंगों के दौरान बड़ी साज़िश और सुनियोजित तरीके से हिंसा होने का आरोप लगाया है. 

ज़किया जाफ़री ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- गुजरात दंगों में हिंसा ‘सुनियोजित’ तरीके से हुई थी

गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने वर्ष 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीनचिट को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों में हिंसा ‘सोच-समझकर’ अंजाम दी गई थी.

गुजरात दंगों के दौरान राजनीतिक वर्ग, नौकरशाही और अन्य के बीच ‘तगड़ी मिलीभगत’ रही: ज़किया जाफ़री

गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने वर्ष 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीनचिट को चुनौती दी है.

गुजरात दंगा: एसआईटी ने ज़किया जाफ़री के आरोपों को किया ख़ारिज, कहा- सभी तथ्यों की जांच की

गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने पांच अक्टूबर, 2017 के गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत द्वारा एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने के फैसले सही ठहराया गया था. एसआईटी ने मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीनचिट दे दी थी.

गुजरात दंगा: नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट के ख़िलाफ़ ज़किया जाफ़री की याचिका पर सुनवाई फ़िर टली

गुजरात के गोधरा में साबरमती ट्रेन में आग लगाए जाने के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे. दंगों में मारे गए इन लोगों में ज़किया जाफ़री के पति एहसान जाफ़री भी शामिल थे. घटना के क़रीब 10 साल बाद आठ फरवरी, 2012 को एसआईटी ने मोदी तथा 63 अन्य को क्लीनचिट देते हुए ‘क्लोज़र रिपोर्ट’ दाख़िल की थी.

गुजरात में गोधरा के कोरोना संक्रमित इलाके को सील करने गए पुलिसकर्मियों पर हमला

गोधरा के गुहया मोहल्ले में भीड़ को क़ाबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस ने इस संबंध में आठ लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें तीन महिलाएं शामिल हैं.

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