मामला गोरखपुर शहर के प्रमुख इलाके में स्थित एक संपत्ति से जुड़ा है, जिसमें वाणिज्य कर विभाग का कार्यालय हुआ करता था. अदालती कार्रवाई के बाद यह ज़मीन याचिकाकर्ता को मिल गई. तब तत्कालीन डीएम ने याचिकाकर्ता को गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का नोटिस थमा दिया. अदालत ने डीएम कार्यालय पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है.