यूपी: निषाद पार्टी के सामने वीआईपी को खड़ा करना क्या भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है

उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद वोट अहम हो गए हैं, जिसे लेकर निषाद पार्टी अपने प्रभुत्व का दावा करती रही है. राज्य में 150 से अधिक विधानसभा सीटें निषाद बहुल हैं, ऐसे में यह समुदाय निर्णायक भूमिका में हो सकता है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट बढ़ते ही निषाद वोटों पर अपने कब्ज़े को लेकर निषाद पार्टी और बिहार की विकासशील इंसान पार्टी के बीच खींचतान शुरू हो गई है.

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष: 17 भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय, सपा ने लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों के निर्वाचन के लिए नामांकन दाख़िल हो गया है. राज्य के 75 में से 18 जिलों में एक ही उम्मीदवार के मैदान में होने से उनका निर्विरोध चुना जाना तय है. इनमें से 17 भाजपा के हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने उनके प्रत्याशियों को नामांकन कराने से रोका है.

यूपी: मुख्यमंत्री द्वारा गोद लिए गए अस्पताल खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाओं का नमूना भर हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों गोरखपुर के दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लेने की घोषणा की थी. स्थापना के कई साल बाद भी इन केंद्रों में न समुचित चिकित्साकर्मी हैं, न ही अन्य सुविधाएं. विडंबना यह है कि दोनों अस्पतालों में एक्स-रे टेक्नीशियन हैं, पर एक्स-रे मशीन नदारद हैं.

गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर से सटे घरों को हस्तानांतरित करने की प्रक्रिया असाधारण

वीडियो: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर से लगे क़रीब एक दर्जन घरों को हटाकर वहां कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर हंगामा मचा हुआ है. प्रभावित परिवारों का आरोप है कि दबाव में उनसे सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाए गए, जबकि प्रशासन का दावा है कि सभी ने बिना दबाव के हस्ताक्षर किए हैं. इस मुद्दे पर गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक मनोज सिंह से मुकुल सिंह चौहान

गोरखपुर में मुस्लिम परिवारों पर घर ख़ाली करने का योगी सरकार का दबाव

वीडियो: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के आसपास के एक दर्जन से अधिक घरों को हटाकर कथित तौर पर मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस बलों की तैनाती को लेकर वहां हंगामा मचा हुआ है. प्रभावित परिवारों का आरोप है कि दबाव में उनसे सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाए गए और पूरी जानकारी नहीं दी गई. वहीं, प्रशासन का दावा है कि सभी परिवारों ने बिना दबाव के हस्ताक्षर किए हैं. मुकुल सिंह चौहान और सेराज

यूपी: गोरखनाथ मंदिर के पास रहने वाले मुस्लिम परिवार क्यों छत छिनने के डर से ख़ौफ़ज़दा हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: बीते दिनों गोरखपुर प्रशासन पर गोरखनाथ मंदिर के पास ज़मीन अधिग्रहण के लिए यहां के रहवासी कई मुस्लिम परिवारों से जबरन सहमति पत्र पर दस्तख़त करवाने का आरोप लगा है. कई परिवारों का कहना है कि उन्होंने एक कागज़ पर साइन तो कर दिए, लेकिन वे अपना घर नहीं छोड़ना चाहते हैं.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव कोविड-19 की चपेट में, टीकाकरण की भी बुरी स्थिति

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज ज़िले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े बताते हैं कि यहां बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत हुई है.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘राम भरोसे’ वाले फैसले पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को सलाह के तौर पर लेना चाहिए और उसे लागू करने के लिए हरसंभव क़दम उठाने चाहिए. उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे शहर के एक मेडिकल कॉलेज में इलाज की बुरी स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शहरों का यह हाल है तो छोटे शहरों और गांवों के संबंध में राज्य की संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे ही कही जा सकती है.

लाल बहादुर वर्मा: जीवन प्रवाह में बहते एक इतिहासकार का जाना…

स्मृति शेष: लाल बहादुर वर्मा इतिहास की आंदोलनकारी और विचारधर्मी भूमिका के समर्थक थे. वे किताब से ज़्यादा इंसानों में विश्वास करते थे. केवल बैठे रहकर वे किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करते थे, वे भारत के हर लड़ते हुए मनुष्य के साथ खड़े थे.

उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और गांवों में चिकित्सा व्यवस्था ‘राम भरोसे’: इलाहाबाद हाईकोर्ट

मेरठ ज़िला अस्पताल में भर्ती एक मरीज़ की मौत के बाद शव का निस्तारण ‘अज्ञात’ में कर देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उत्तर प्रदेश इसके लिए तैयार है.

उत्तर प्रदेश: कोविड की दूसरी लहर और स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझते पूर्वांचल के अस्पताल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह ज़िले गोरखपुर और आस-पास के तीन ज़िलों- देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर में कोरोना की दूसरी तीव्र लहर के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बुरे हाल हैं. प्रदेश सरकार स्थिति नियंत्रण में होने की बात कह रही है, लेकिन ख़ुद सरकारी आंकड़े इसके उलट इशारा कर रहे हैं.

यूपी: ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा कोविड का क़हर, कई गांवों में रोज़ उठ रहे हैं अर्थियां-जनाज़े

कोरोना की पहली लहर देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत प्रभावित नहीं कर पाई थी, लेकिन दूसरी लहर शोक का सागर लेकर आई है. बीते एक पखवाड़े में पूर्वांचल के गांवों में हर दिन कई लोग बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ़ के बाद जान गंवा रहे हैं. जांच के अभाव में इन्हें कोरोना से हुई मौतों के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है.

उत्तर प्रदेश: क्या पंचायत चुनाव कोविड संक्रमण का सुपरस्प्रेडर साबित हुआ है

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों से लगातार पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना में शामिल रहे शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्रों आदि के कोविड संक्रमित होने और जान गंवाने की ख़बरें आ रही हैं. अधिकतर के परिजन अपने क़रीबियों को खोने का ज़िम्मेदार पंचायत चुनाव की ड्यूटी को ही मान रहे हैं.

यूपी पंचायत चुनाव: गोरखपुर में हारे प्रत्याशी को ​जीता हुआ बताने पर बवाल, पीएसी बस फूंकी गई

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले में चौरीचौरा के ब्रह्मपुर ब्लाक में हुए बवाल के दौरान पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई थी. पुलिस ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में 500 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. रिटर्निंग ऑफिसर के ख़िलाफ़ चुनाव परिणामों में गड़बड़ी के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है.

यूपी: विरोध के बाद गायब हुए गोरखपुर के श्मशान घाट पर फोटो-वीडियो लेने की पाबंदी के बैनर

30 अप्रैल को गोरखपुर के राजघाट अंत्येष्टि स्थल के पास एक पुल की जालियों को फ्लैक्स से ढकते हुए नगर निगम ने आदेश दिया कि अंत्येष्टि की फोटो और वीडियो लेना क़ानूनन ठीक नहीं है और ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी. मुखर विरोध के बाद अगले दिन ये फ्लैक्स फटे हुए मिले और नगर निगम की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया.

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