कर्नाटक सरकार द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को शामिल नहीं किया गया है. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि जेल से रिहा करने के लिए अंग्रेज़ों से गुहार लगाने वाले सावरकर को विज्ञापन में अग्रिम स्थान मिलता है, लेकिन हाशिये की आवाज़ बन आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले आंबेडकर को आख़िरी पंक्ति में रखा जाता है. कर्नाटक भाजपा द्वारा अस्पृश्यता का प्रदर्शन, दुख की बात है.