मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
बीते 20 मई को जारी किए राज्य सरकार के आदेश में केंद्र सरकार के 2018 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सभी सरकारी अधिकारी अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्यों के लिए 'दलित' या 'हरिजन' शब्द का उपयोग करने से बचेंगे क्योंकि इनका संविधान या क़ानून में कोई उल्लेख नहीं है.
पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और पुलिस पर हमले के आरोप में मैंगलोर पुलिस ने 22 लोगों को आरोपी बनाया था. बीते 17 फरवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट ने ठोस सबूत नहीं होने की बात कहते हुए सभी 22 लोगों को जमानत दे दी थी.
कर्नाटक के बीदर में एक स्कूल में हुए नाटक को लेकर दर्ज हुई राजद्रोह की एफआईआर रद्द कराने के लिए एक मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया था कि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने से पहले शिकायत की जांच के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए.