Govt Employees

महाराष्ट्र: पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी

कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था. 2004 के बाद से सरकारी कर्मचारी (सशस्त्र बलों को छोड़कर) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किए गए हैं. इसके तहत भुगतान बाज़ार से जुड़ा हुआ है और रिटर्न आधारित है.

कश्मीर नीतियों की आलोचना करने वाले कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी: प्रशासन

बीते सप्ताह एक बैठक में बताया गया कि कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को लेकर आलोचनात्मक हैं और सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणियां कर रहे हैं, जिसके बाद प्रमुख सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिया कि वे सोशल मीडिया की निगरानी करते हुए ऐसी टिप्पणी करने वाले कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी करें.

केंद्र सरकार का पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं: वित्त राज्यमंत्री

वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण को बताया है. 

जम्मू-कश्मीर: आतंकियों से कथित संबंध के मामले में प्रोफेसर-पुलिसकर्मी और शिक्षक बर्ख़ास्त

बर्खास्त किए गए लोगों में कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग का प्रोफेसर अल्ताफ़ हुसैन पंडित, सरकारी शिक्षक मोहम्मद मक़बूल हाज़म और एक पुलिसकर्मी गुलाम रसूल शामिल हैं. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत गठित समिति की सिफारिश पर तीनों को बर्ख़ास्त किया गया. यह राज्य की सुरक्षा के हित में बिना जांच किए ही किसी व्यक्ति को बर्ख़ास्त करने की अनुमति देता है.

राजस्थान बजट: सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा

साल 2022-23 के लिए राजस्थान का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भविष्य के बारे में सुरक्षित महसूस करना चाहिए, तभी वे सेवा अवधि के दौरान सुशासन की दिशा में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. इसलिए एक जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है.

त्रिपुरा: प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने का था फ़रमान

त्रिपुरा के सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने बीते सोमवार को ‘एक त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा’ के प्रधानमंत्री के आह्वान के लिए सभा में शामिल होने को कहा था. इस बीच ​तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई ने कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच सभा में जुटी भारी ​भीड़ पर प्रधानमंत्री और भाजपा की प्रदेश सरकार की आलोचना की है.

जम्मू कश्मीर: सैयद अली शाह गिलानी के पोते और एक स्कूली शिक्षक बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर सरकार ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल द्वारा इनकी बर्ख़ास्तगी संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत की गई है. संविधान के इस प्रावधान के अनुसार सरकार को बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार मिला हुआ है.

जम्मू कश्मीर: 900 से अधिक कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन

बीते 11 सितंबर को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन पर्यवेक्षकों के 918 सहायकों को तत्काल हटाने का आदेश दिया, जो काम के लायक नहीं माने जाने के बावजूद समाज कल्याण विभाग की एकीकृत बाल विकास योजना के विभिन्न क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ जुड़े हुए हैं. प्रदर्शन के दौरान सरकार से उनके तीन महीने के लंबित वेतन को जारी करने के अलावा उन्हें बहाल करने की मांग की गई.

जम्मू कश्मीर: जांच को दरकिनार करने वाले क़ानून के तहत छह सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. इनकी बर्ख़ास्तगी उस कमेटी द्वारा की गई है, जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत किया गया है. इस कमेटी के पास बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार होता है.

केंद्रीय सतर्कता आयोग में ख़ाली पदों को लेकर पीएम को लिखा गया पत्र, जल्द नियुक्ति की मांग

पूर्व न्यायाधीशों, वरिष्ठ वकीलों, पूर्व वरिष्ठ लोक सेवकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि अक्टूबर 2020 में एक सतर्कता आयुक्त के रिटायर होने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग सिर्फ़ अध्यक्ष और एक आयुक्त के सहारे चल रहा था. अध्यक्ष ने जून 2021 में पद छोड़ दिया और संस्था तब से केवल एक आयुक्त के साथ काम कर रही है, जिसे कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है. 

अधिकारियों का सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद निजी क्षेत्र में नौकरी करना गंभीर कदाचारः सीवीसी

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ओर से केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों और सार्वजनिक उपक्रमों को जारी आदेश में कहा है कि यदि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी ने एक से अधिक संगठनों में काम किया है, तो उन सभी संगठनों से सतर्कता संबंधी मंज़ूरी प्राप्त की जानी चाहिए, जहां अधिकारी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा दी थी.

Srinagar: Policemen patrolling at Lal Chowk after restrictions were lifted, in Srinagar, Tuesday, Aug. 20, 2019. Barricades around the Clock Tower in Srinagar's city centre Lal Chowk were removed after 15 days, allowing the movement of people and traffic in the commercial hub, as restrictions eased in several localities while continuing in others. (PTI Photo/S. Irfan)(PTI8_20_2019_000114B)

जम्मू कश्मीर: क्या है नई टास्क फोर्स, जो सरकारी कर्मचारियों को बिना जांच बर्ख़ास्त कर सकती है

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ‘राज्य की सुरक्षा’ के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों के मामलों की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के अंतर्गत पारित इस आदेश के तहत सरकार को हक़ है कि वो बिना जांच समिति का गठन किए किसी भी कर्मचारी को बर्ख़ास्त कर दे.

जम्मू कश्मीरः नए सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन-भत्ते पाने से पहले सीआईडी की मंज़ूरी अनिवार्य

सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव की ओर से तीन मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया कि ऐसा देखा गया है कि कुछ विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में संदिग्ध चरित्र और व्यवहार वाले व्यक्तियों को सीआईडी के सत्यापन के बग़ैर वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान किया जा रहा है.

केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 6.83 लाख से अधिक पद ख़ाली: कार्मिक मंत्रालय

एक अन्य सवाल के जवाब में कार्मिक मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 63 मंत्रालयों/विभागों और इनके अ​धीनस्थ कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक जनवरी 2018 तक ओबीसी कर्मचारियों की कुल संख्या 3,91,512 थी.