केंद्र सरकार के डेटा के अनुसार, मार्च से मई तक पूरे देश में हीटस्ट्रोक से कम से कम 56 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 46 मौतें अकेले मई में हुई हैं.
शुक्रवार को भारत में गर्मी से संबंधित कम से कम 40 संभावित मौतें हुई हैं, जिनमें से 25 उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए तैनात मतदान कर्मी हैं.
मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में भीषण गर्मी के कारण कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई, बिहार में सबसे अधिक32 लोगों की जान गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने भारत में विनाशकारी गर्मी के प्रभाव को बढ़ाया है और इसे एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट में इस बारे में विभिन्न पहलुओं को लेकर होने वाले बदलावों का आकलन किया गया है. हालांकि पर्यावरणविद मानते हैं कि इसमें कई महत्वपूर्ण बातें शामिल नहीं की गई हैं.
न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर और अरबपति कारोबारी माइक ब्लूमबर्ग अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा किए गए फैक्ट चेक में चीन द्वारा उत्सर्जन को धीमा करने के संदर्भ में उनका बयान गलत साबित हुआ.
भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.
विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.