25 राज्यों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों में फ्लोराइड पाया गया: केंद्र सरकार

केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में  एक लिखित उत्तर में बताया कि 25 राज्यों के 230 ज़िलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों के 469 ज़िलों में फ्लोराइड होने की जानकारी मिली है. उन्होंने जोड़ा कि भूजल में इस तरह का दूषण (Contamination) अधिकतर भूगर्भिक है.

जल संकट का सामना कर रहे कर्नाटक में पानी के बेजा इस्तेमाल पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव

कर्नाटक की जल नीति 2022 में आगाह किया गया है कि आने वाले वक़्त में बारिश में कमी आएगी और सूखा प्रभावित क्षेत्र बढ़ेंगे, जो गंभीर चिंता का विषय है. अधिकारियों ने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जल नीति में कई पहलों का ज़िक्र किया गया है, जिनमें पानी के बेजा इस्तेमाल पर जुर्माना लगाना और भूजल निकालने पर रोक आदि शामिल हैं.

एनजीटी ने कोका कोला, पेप्सिको पर अवैध भूजल दोहन के लिए 25 करोड़ रुपये का ज़ुर्माना लगाया

इन दोनों कंपनियों पर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है. बताया गया है कि वे भूजल को रिचार्ज करने संबंधी शर्त पूरा करने में विफल रहीं, साथ ही एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद भी लगातार भूजल निकालती रहीं.

‘विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस गांव के पानी को दूषित बताती थी, पर सत्ता में आते ही मुकर गई’

विशेष रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के सुपेबेड़ा गांव के लोगों के अनुसार बीते डेढ़ दशक में भूजल प्रदूषण के कारण सवा सौ से अधिक लोग गुर्दे की बीमारी के चलते जान गंवा चुके हैं. ग्रामीणों के मुताबिक़ कांग्रेस ने सरकार बनने पर शुद्ध पानी, मुआवज़े और इलाज का वादा किया था पर दो साल बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.

मुंबई में नल का पानी पीने के लिए सुरक्षित, 20 अन्य राज्यों की राजधानी में बुरी स्थिति: रिपोर्ट

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने अध्ययन जारी करते हुए कहा कि 20 राज्यों की राजधानियों में से मुंबई को छोड़कर अन्य शहरों के पानी के नमूने एक या एक से अधिक मानकों में खरे नहीं उतर पाए.

आंध्र प्रदेश की इन आठ सीटों पर मुद्दे कई, लेकिन चुनावी मुद्दा केवल जाति

ग्राउंड रिपोर्ट: रायलसीमा तिरुपति, कडपा, राजमपेट, अनंतपुर, हिंदूपुर, नांदयाल, कुरनूल और चित्तूर में भूमिगत जल खारा हो चुका है. बेरोज़गारी बढ़ रही है. पलायन शुरू हो चुका है, लेकिन इन आठ सीटों पर अहम की लड़ाई ने चुनाव को जाति पर ही केंद्रित कर दिया है. अमित कुमार निरंजन की रिपोर्ट.

भूजल के उपयोग की अनुमति केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दी जाए: संसदीय समिति

जल संसाधन संबंधी संसदीय समिति का विचार है कि बोतलबंद पानी के निजी उद्योगों को केवल व्यापारिक लाभ के लिए इस क्षेत्र का दोहन न करने देना सरकार की सबसे बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है.

भोपाल गैस त्रासदी: 3 दशक बाद भी शहर के भूजल में मौजूद है रासायनिक ज़हर

यूनियन कार्बाइड को औपचारिक रूप से तो ख़त्म मान लिया गया, लेकिन जो ज़हर इस कारखाने ने भोपाल की ज़मीन में बोया, वो अब इस शहर की अगली नस्ल को अपनी चपेट में ले रहा है.