विश्व हिंदू परिषद ने की क़ानूनविदों की बैठक, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 30 पूर्व जज हुए शामिल

विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बैठक में केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए, जिसमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों से जुड़े क़ानूनी विवाद, वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा की गई.

ज्ञानवापी केस में निर्णय देने वाले जज ने अन्य फैसले में सीएम योगी को ‘दार्शनिक राजा’ कहकर सराहा

बरेली के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने एक फैसले में सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि सत्ता का प्रमुख धार्मिक व्यक्ति को होना चाहिए, क्योंकि उनका जीवन भोग का नहीं, त्याग व समर्पण का होता है. दिवाकर ने 2022 में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामले में वहां का एक हिस्सा सील करने का आदेश दिया था.

यूपी: ज्ञानवापी तहखाने में पूजा की अनुमति देने वाले जज एक विश्वविद्यालय के लोकपाल बनाए गए

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति देने वाले जज अजय कृष्ण विश्वेश को सेवानिवृत्ति के बाद लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में तीन साल के लिए लोकपाल नियुक्त किया गया है.

ज्ञानवापी: मुस्लिम नेता फैसले से आक्रोशित, बोले- देश में ‘बहुसंख्यक न्यायपालिका’ बन रही है

शीर्ष मुस्लिम नेताओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू पूजा की अनुमति देने वाले वाराणसी अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि (अब ध्वस्त) बाबरी मस्जिद स्थल को हिंदू पक्ष को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदुत्ववादी ताक़तों को देश भर में मुस्लिम पूजा स्थलों पर दावा करने का रास्ता दिखा दिया है.

ज्ञानवापी पर एएसआई रिपोर्ट अंतिम फैसला नहीं, मस्जिद की सुरक्षा हमारी ज़िम्मेदारी: मुस्लिम पक्ष

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि संस्था एएसआई सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर विशेषज्ञों से परामर्श करेगी और फिर अगले कदम पर कोई फैसला लेगी. 

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था: एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट

यह पता लगाने के लिए कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद किसी मंदिर पर किया गया था, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मस्जिद का अदालत के निर्देश पर सर्वेक्षण किया है. हिंदू पक्ष ने एक याचिका में यहां मंदिर होने दावा किया था. उन्होंने मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए प्रवेश की मांग की है.

अब और आंदोलन नहीं, हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की ज़रूरत नहीं: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का

ज्ञानवापी मामला: कोर्ट का आदेश, उसकी अनुमति के बिना सर्वे के फोटो-वीडियो सार्वजनिक न हों

वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रतियां पक्षकारों को उपलब्ध कराए जाने की अनुमति देते हुए उनसे शपथ-पत्र लिया था कि वे उन्हें सार्वजनिक नहीं करेंगे या अदालत की अनुमति के बिना अनाधिकृत इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि कुछ ही देर बाद वीडियो और फोटो वायरल हो गए.

ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: किस मामले पर पहले हो सुनवाई, वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा अपने वकील के माध्यम से एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें आगे बढ़ने से पहले अदालत में लंबित मुक़दमों की स्थिरता (मुक़दमा चलाने लायक है या नहीं) पर निर्णय लेने की मांग की गई थी. अदालत ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

शिवलिंग पर टिप्पणी मामले में गिरफ़्तार दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से खोजे गए ‘शिवलिंग’ की एक तस्वीर पोस्ट की थी और खोज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए व्यंग्य किया था. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्‍वीकार कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद दिवानी वाद वाराणसी ज़िला अदालत को ट्रांसफर किया

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष दायर दीवानी वाद अब वाराणसी जिला न्यायाधीश वाराणसी को ट्रांसफर किया जाएगा. पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की एक निचली अदालत याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि काशी विश्व​नाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए.