ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का हालिया फैसला क्या न्यायसंगत कहा जा सकता है?

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिकाएं ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की मस्जिद परिसर में मंदिर बहाली की याचिकाएं उपासना स्थल क़ानून के आधार पर ख़ारिज नहीं की जा सकतीं. हालांकि, एक सच यह है कि उपासना स्थल अधिनियम इसी तरह के मामलों से बचने के लिए लाया गया था.

क्या ज्ञानवापी मस्जिद को भी बाबरी की राह ले जाया जा रहा है?

वीडियो: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद, अदालतों के आदेश और एएसआई सर्वे और इसे लेकर हो रही राजनीतिक पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

वाराणसी: कोर्ट का पहले सील किए गए स्थान को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वे का आदेश

वाराणसी ज़िला अदालत ने मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वज़ूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी है. मस्जिद प्रबंधन ने आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

ज्ञानवापी मामले के मुख्य पक्षकार केस वापस लेंगे, संसाधनों की कमी और उत्पीड़न का हवाला दिया

अगस्त 2021 में विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पास स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग की थी. अब जितेंद्र ने घोषणा की है कि वे और उनका परिवार ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी केस वापस ले रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें पांच हिंदू महिलाओं द्वारा मस्जिद परिसर में देवताओं की पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाले एक मुक़दमे में वाराणसी कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वेक्षण आदेश को चुनौती दी गई थी.

ज्ञानवापी मामला: हिंदू पक्ष की ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग करवाने से जुड़ी याचिका ख़ारिज

पांच हिंदू पक्षकारों में से चार ने ज्ञानवापी मस्जिद से वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान मिले कथित 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की थी. सरकारी वकील ने बताया कि वाराणसी की ज़िला अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए यह अर्ज़ी ख़रिज कर दी है.

अब और आंदोलन नहीं, हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की ज़रूरत नहीं: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का

ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: किस मामले पर पहले हो सुनवाई, वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा अपने वकील के माध्यम से एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें आगे बढ़ने से पहले अदालत में लंबित मुक़दमों की स्थिरता (मुक़दमा चलाने लायक है या नहीं) पर निर्णय लेने की मांग की गई थी. अदालत ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

शिवलिंग पर टिप्पणी मामले में गिरफ़्तार दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से खोजे गए ‘शिवलिंग’ की एक तस्वीर पोस्ट की थी और खोज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए व्यंग्य किया था. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्‍वीकार कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद दिवानी वाद वाराणसी ज़िला अदालत को ट्रांसफर किया

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष दायर दीवानी वाद अब वाराणसी जिला न्यायाधीश वाराणसी को ट्रांसफर किया जाएगा. पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की एक निचली अदालत याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि काशी विश्व​नाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

मुसलमानों की इबादतगाहों को निशाना बनाए जाने पर रुख़ स्पष्ट करे सरकार: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि इबादतगाहों को लेकर निचली अदालतें जिस तरह से फैसले ले रही हैं, वह अफ़सोस की बात है. बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद कमेटी को विधिक सहायता मुहैया कराने का फैसला किया है. इस बीच हिंदू पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग फव्वारा है तो चला कर दिखाएं. इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह इसके लिए तैयार है.

शिवलिंग पर टिप्पणी: एआईएमआईएम नेता समेत दो गिरफ़्तार; एक प्रोफेसर पर हमला, दूसरे पर एफ़आईआर

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के संबंध में टिप्पणी करने के आरोप में गुजरात में एआईएमआईएम के नेता दानिश क़ुरैशी और नागपुर में एक ​व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन पर इस बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद एक छात्र द्वारा हमला करने के मामला सामने आया है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.

मस्जिदों से निकलते ‘भगवान’ अथवा क़ब्ज़े का ‘धार्मिक’ तरीका?

ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के प्रकट हो जाने से जो चमत्कृत हैं, वे जानते हैं कि यह झूठ है. 'बाबा प्रकट हुए मस्जिद में', ऐसा कहने वाले धार्मिक हो या न हों, अतिक्रमणकारी अवश्य हैं.

ज्ञानवापी मस्जिद: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की अदालत से 20 मई तक कार्यवाही आगे न बढ़ाने को कहा

शीर्ष अदालत ने बीते 17 मई को वाराणसी के ज़िला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी मस्जिद में शृंगार गौरी परिसर के भीतर उस इलाके को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, जहां एक सर्वेक्षण के दौरान एक ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया गया है. साथ ही मुसलमानों को ‘नमाज़’ पढ़ने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया था. इधर, ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वेक्षण रिपोर्ट वाराणसी की अदालत को सौंप दी गई है.

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की सुरक्षा का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मुस्लिम बग़ैर किसी बाधा के नमाज़ अदा करना जारी रख सकते हैं. इधर, वाराणसी की अदालत ने मस्जिद का वीडियो सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटा दिया है और सर्वे रिपोर्ट जमा करने की अवधि दो दिन बढ़ा दी है.