इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया है कि जनवरी 2018 से सितंबर 2023 तक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकार के संगठनों की कुल मिलाकर 373 वेबसाइट हैक की गईं. इसे देखते हुए समिति ने सरकार से सरकारी वेबसाइटों और अन्य महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचे की साइबर सुरक्षा मजबूत करने के लिए कहा है.
वीडियो: राजस्थान के एक शख़्स- संजय सोनी ने महिलाओं के अंतर्वस्त्र बेचने वाली कंपनी 'ज़िवामी' से कथित तौर पर 15 लाख महिलाओं के निजी डेटा के लीक होने का दावा करते हुए कहा था कि वेबसाइट से केवल हिंदू महिलाओं का डेटा हैक कर मुस्लिमों से साझा किया गया. बाद में सोनी को ही डेटा हैकिंग आरोप में गिरफ़्तार किया गया. आरोप यह भी है कि उसने कंपनी को डेटा लीक करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने का प्रयास भी
अमेरिकी सुरक्षा शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके हाथ ऐसे सबूत लगे हैं जो बताते हैं कि पुणे पुलिस के तार एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ता रोला विल्सन, वरवरा राव और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू के ईमेल खातों की हैकिंग से जुड़ते हैं.
एफबीआई की ओर से कहा गया है कि उसने इज़रायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए गए एक हैकिंग टूल को प्राप्त कर और उसका परीक्षण किया था. एजेंसी ने कहा कि उसने किसी भी जांच के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया है. उसका कहना है कि पेगासस ख़रीदने के पीछे उसकी मंशा ‘उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ क़दम मिलाकर चलना था.
अमेरिकी ह्विसिलब्लोअर का आरोप है कि अगस्त 2017 में एनएसओ ग्रुप के अधिकारियों और उस समय उनकी नियोक्ता कंपनी मोबिलियम के प्रतिनिधियों के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल के ज़रिये हुई बैठक के दौरान बड़ी नकद राशि की पेशकश की गई थी. मोबिलियम दुनियाभर की सेल्युलर कंपनियों को सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराती है.
एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि उन्होंने सात याचिकाकर्ताओं के आईफोन का विश्लेषण किया, जिनमें से दो में पेगासस से सेंधमारी की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हलफनामे में विशेषज्ञ ने बताया कि जांचे गए छह एंड्रॉयड फोन में से चार में इस मालवेयर के अलग-अलग वर्ज़न मिले जबकि दो में पेगासस के मूल वर्ज़न के साक्ष्य मिले.
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी, नूह नारवी, तेग इलाहाबादी, शबनम नकवी और राशिद इलाहाबादी के नाम में ‘इलाहाबादी’ की जगह ‘प्रयागराज’ लिखा पाया गया था. आयोग का कहना है कि वेबसाइट को हैकर्स ने निशाना बनाकर इस तरह की छेड़छाड़ की.
ट्विटर की ओर से कहा गया है कि जैसे ही हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकांउट की हैकिंग के बारे में पता चला हमारी टीमों ने उस एकांउट को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए. हमारी जांच से पता चला है कि इस समय किसी अन्य एकाउंट के प्रभावित होने के कोई संकेत नहीं हैं.