कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. कनाडा में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के भी समर्थक हैं, लेकिन वे भी सभी हिंदू कनाडाई नागरिकों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान 'ऑस्ट्रेलिया टुडे' का दावा है कि भारतीय विदेश मंत्री के इंटरव्यू के बाद कनाडा में सरकार के आदेश पर उसका पेज ब्लॉक किया गया. हालांकि, मेटा ने अगस्त 2023 से ही कनाडाई यूज़र्स के न्यूज़ कंटेंट शेयर करने पर रोक लगाई हुई है.
भारत ने कनाडा के उप विदेश मंत्री के उस दावे को ‘बेतुका’ और ‘निराधार’ कहा है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह को कनाडाई नागरिकों की हत्या की साजिश में ‘शामिल’ बताया गया था. भारत ने कनाडा को चेतावनी दी है कि ऐसी गैर-ज़िम्मेदाराना कार्रवाइयों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे.
कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नैथली ड्रोइन ने संसदीय समिति को बताया कि वाशिंगटन पोस्ट से मामले की पृष्ठभूमि पर बात करना मीडिया रणनीति का हिस्सा था ताकि भारत सरकार की तरफ से फैलाई जा रही ग़लत जानकारी का मुकाबला किया जा सके.
पिछले बरस जून में कनाडा में ख़ालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी. यह उस वक़्त हुई अकेली ऐसी घटना नहीं थी. 45 दिनों के अंतराल में तीन अलग-अलग देशों में तीन ख़ालिस्तानी नेताओं की मौत हुई थी. इस दौरान, भारतीय दक्षिणपंथ ने इन हत्याओं का जश्न मनाना शुरू कर दिया था.
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के कमिश्नर माइक ड्यूहेम ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि उनके पास ठोस सबूत हैं कि कनाडा में हिंसा फैलाने में भारत सरकार के ‘उच्चतम’ अधिकारी शामिल हैं.
वीडियो: सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत पर कनाडा में हिंसा करवाने के कनाडा के आरोपों को लेकर द कारवां के एग्जीक्यूटिव एडिटर हरतोष सिंह बल और द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
अमेरिका के न्याय विभाग की प्रेस विज्ञप्ति कहती है कि रॉ के पूर्व अधिकारी विकास यादव ने अमेरिका में सिख अलगाववादी आंदोलन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रची थी.
खालिस्तान आंदोलन भारत में भले ही बुझ गया हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहता है. कनाडा, इंग्लैंड और अमेरिका में बसे सिख प्रवासी खालिस्तान के समर्थन में रैलियां और आंदोलन करते हैं.
सेवानिवृत्त भारतीय राजनयिकों ने केंद्रीय गृह मंत्री की ‘ऑपरेशनल मामलों’ में कथित भागीदारी पर आश्चर्य व्यक्त किया है.
द वाशिंगटन पोस्ट को एक कनाडाई अधिकारी ने बताया है कि भारतीय राजनयिकों के बीच हुई बातचीत और संदेशों में ‘भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी और रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी’ का उल्लेख है. आरोपों के मुताबिक़, वह ‘वरिष्ठ अधिकारी’ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं.
कनाडा ने खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में चिह्नित किया है, जिसका अर्थ है कि हत्या की साज़िश में उनकी संलिप्तता की आशंका है. भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह जस्टिन ट्रूडो सरकार के ख़िलाफ़ क़दम उठाने का अधिकार रखता है.
भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने गए 22 वर्षीय अमरदीप सिंह पर हत्या और हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है. इससे पहले जांचकर्ताओं ने बीते 3 मई को भी तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी दर्शाई थी.
टोरंटो में रविवार को खालसा दिवस समारोह में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के संबोधन के दौरान 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे थे. भारत ने इसे लेकर जारी बयान में कहा है कि कनाडा में एक बार फिर अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को राजनीतिक जगह दी गई है.
भारत में तैनात विदेशी संवाददाताओं के एक समूह ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने चुनाव से ठीक पहले एबीसी की दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख अवनि डियाज़ को देश छोड़ने को मजबूर कर दिया, जबकि भारत सरकार इन चुनावों को दुनिया में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताती है.