उत्तर प्रदेश के हाथरस की 19 वर्षीय कथित गैंगरेप पीड़िता को आवारा बताते हुए उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने दावा किया कि पीड़िता का आरोपी के साथ संबंध था.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती से बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ बलात्कार किया था. युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप के मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि इससे यूपी सरकार की छवि ख़राब करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई. पुलिस ने अंग्रेजी की एक वेबसाइट को इस षड्यंत्र का केंद्र बताया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ़्तार करते हुए उनके पीएफआई से जुड़े होने की बात कही थी. पत्रकार संगठनों ने कप्पन की अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा है कि मीडिया को उसका काम करने से रोकने का प्रयास हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस गैंगरेप मामले को असाधारण और चौंकाने वाला बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि मामले में गवाहों को किस प्रकार सुरक्षा दी जा रही है, इस बारे में वह हलफनामा दायर कर बताए. साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार तक वकील की पहुंच को लेकर भी राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
जनता के हर विरोध को अपराध ठहराया जा रहा है. वह दिन दूर नहीं है जब सरकार भारतीयों को यह बताएगी कि उनका बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ बोलना, किसानों का सरकार के ख़िलाफ़ खड़े होना, सब कुछ अंतरराष्ट्रीय साज़िश है. भारत में जन्म लेना भी एक षड्यंत्र घोषित किया जा सकता है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 19 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में कथित तौर पर सवर्ण जाति के लोगों ने बीते दिनों एक सभा की. यह सभा भाजपा नेता राजवीर सिंह पहलवान के घर हुई थी. इस मुद्दे पर कौशल पवार, कविता कृष्णन, चिंटू कुमारी और विवेक कुमार से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के गैंगरेप और मौत के मामले में यूपी पुलिस ने 21 एफ़आईआर दर्ज की है, जिसमें से छह हाथरस ज़िले में और बाकि बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, इलाहाबाद, अयोध्या और लखनऊ में दर्ज की गई हैं. इस संबंध में विभिन्न शहरों से कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव और एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स के एक साझा अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि यूपी में यौन हिंसा पीड़ित महिलाओं को शिकायत दर्ज करवाने के दौरान लगातार पुलिस के हाथों अपमान झेलना पड़ा और एफआईआर भी पहले प्रयास में दर्ज नहीं हुई.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस के चंदपा थाने में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ राजद्रोह सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए दावा किया है कि 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई हिंसा और कथित गैंगरेप मामले को लेकर उन्हें जाति आधारित दंगे भड़काने वाले एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का पता चला है.
जेल जाने के बाद विवाद होने पर हाथरस से भाजपा सांसद राजवीर सिंह दिलेर ने कहा कि वह जेलर के बुलावे पर कारागार परिसर स्थित उनके कार्यालय में चाय पीने गए थे. किसी से मिलने नहीं गए थे. कांग्रेस ने कहा है कि अगर सांसद वाकई आरोपियों से मिलने गए थे तो यह निहायत आपत्तिजनक है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में भाजपा नेता राजवीर सिंह पहलवान के घर पर जुटे लोग. भाजपा नेता ने कहा कि बलात्कार नहीं हुआ है. अब सीबीआई उचित तरीके से जांच करेगी. हमें उन पर पूरा विश्वास है.
एक्सक्लूसिव: यूपी पुलिस ने दावा किया है कि हाथरस पीड़िता की एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार उनसे बलात्कार नहीं हुआ. हालांकि दिल्ली लाए जाने से पहले उन्हें अलीगढ़ के जिस अस्पताल में भर्ती किया गया था, वहां की मेडिको लीगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट 'वजाइनल पेनेट्रेशन' और ज़बरदस्ती किए जाने की बात कहती है.
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उत्तर प्रदेश के हाथरस की 19 वर्षीय दलित युवती के साथ बलात्कार नहीं होने की बात साबित करने के लिए उसका चेहरा दिखाने वाला एक वीडियो ट्वीट किया था. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कहा है कि अगर वह रेप पीड़िता हैं, तब वीडियो शेयर किए जाने का मामला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और बिल्कुल ग़ैरक़ानूनी है.
हाथरस में जो हुआ वह जातीय श्रेष्ठता और उसके अधिकार के अहंकार का ही नतीजा है. इसका एक प्रमाण गांव के कथित उच्चजातीय समूह की प्रतिक्रिया है.