पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को कोर्ट से राहत, हर हफ़्ते यूपी के थाने में रिपोर्ट करने की ज़रूरत नहीं

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार केस की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए हर सप्ताह यूपी के एक थाने में हाजिरी लगाने को कहा था. अब यह शर्त हटा दी गई है.

हाथरस रेप और हत्या मामला: अदालत के निर्देश के दो साल बाद भी परिवार का पुनर्वास नहीं

हाई कोर्ट को हाल ही में सूचित किया गया था कि 2020 में सामूहिक बलात्कार और हत्या की शिकार 19 वर्षीय दलित युवती के परिवार के सदस्यों को सुरक्षा कारणों से दैनिक आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

दो साल बाद जेल से रिहा हुए सिद्दीक़ कप्पन ने कहा- मुझे मुस्लिम होने के चलते निशाना बनाया गया

वीडियो: केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. बीते 2 फरवरी को उन्हें दो साल से अधिक समय के बाद ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

सिद्दीक़ कप्पन की रिहाई पर शशि थरूर ने कहा- संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि 28 महीनों के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का ध्यान कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को बिना किसी आरोप के अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.

दो साल से अधिक समय बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन जेल से रिहा

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे. यूपी पुलिस ने कप्पन पर जाति आधारित दंगा भड़काने का इरादा रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था. इसके बाद उन पर देशद्रोह और यूएपीए के तहत भी मामले जोड़े गए थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत दी

अक्टूबर 2020 में हाथरस बलात्कार मामले की कवरेज के लिए जाते समय यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने बीते सितंबर में यूएपीए मामले में ज़मानत दे दी थी. हालांकि, उनके ख़िलाफ़ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के कारण उन्हें रिहा नहीं किया गया था. 

यूपी की अदालत ने पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और 6 अन्य के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप तय किए

पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य लोगों को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में एक युवती की कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले की कवरेज के लिए जाते वक्त  गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने फरवरी, 2021 में कप्पन के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था. 

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की ज़मानत याचिका नामंज़ूर

अक्टूबर 2020 में हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को यूएपीए मामले में सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है. ईडी ने कप्पन को मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी क़ानून के तहत एक मामले में आरोपी बनाया है.

लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति ने सिद्दीक़ कप्पन की ज़मानत भरी

पिछले हफ्ते केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत थी, लेकिन ‘मामले की संवेदनशील प्रकृति’ के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे थे. 

सिद्दीक़ कप्पन की ज़मानत देने के लिए कोई स्थानीय व्यक्ति तैयार नहीं: वकील

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत है, लेकिन 'मामले की संवेदनशील प्रकृति' के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे हैं.

ईडी संबंधी मामले का हवाला देकर अधिकारी ने कहा- ज़मानत के बावजूद जेल में रहेंगे सिद्दीक़ कप्पन

अक्टूबर 2020 में हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को बीते हफ्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली है. जेल अधिकारियों ने उनकी रिहाई से इनकार करते हुए कहा है कि उनके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एक मामला लंबित है.

हाथरस मामला: क़रीब दो साल से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दी

5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. यूपी पुलिस का आरोप है कि ये लोग क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहे थे.