बीते जुलाई महीने में स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. अब तीन महीने बाद राज्य पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में 'भोले बाबा' का नाम नहीं है.
स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में इस महीने की शुरुआत में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसे उन्होंने उनके संगठन को बदनाम करने के लिए रची गई साज़िश बताया है.
सत्संग के दौरान मंगलवार (2 जुलाई) को मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 121 हो गई है. कई लोग अब भी लापता हैं, जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है.
हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. बताया गया है कि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य अतीक़-उर-रहमान को 5 अक्टूबर 2020 को पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के साथ उस समय गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे थे. बीते 14 जून को उन्हें जेल से रिहा किया गया है.
14 सितंबर 2020 को हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के चार युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई थी. हाथरस की एक विशेष अदालत ने चार में से एक आरोपी को ग़ैर-इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था. यूएपीए मामले में आलम को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.
पिछले हफ्ते केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत थी, लेकिन ‘मामले की संवेदनशील प्रकृति’ के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे थे.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत है, लेकिन 'मामले की संवेदनशील प्रकृति' के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे हैं.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. यूपी पुलिस का आरोप है कि ये लोग क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहे थे.
14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. उनके साथ बुरी तरह मारपीट भी की गई थी. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट साझा की है, जिसमें कहा गया है कि दो साल बाद भी युवती के परिवार को घर और नौकरी देने का वादा योगी सरकार ने पूरा नहीं किया
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.
बीते 16 मई को हिंदू जागरण मंच के एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर हिरासत में मौत हो गई थी. हाथरस ज़िले के चांदपा थाने में दर्ज मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों समेत कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जबकि पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, इनमें से दो के ख़िलाफ़ हत्या की एफ़आईआर दर्ज की गई है.