द वायर की पत्रकार इस्मत आरा ने यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के सामूहिक बलात्कार के बाद की थी. इस रिपोर्ट में मेडिको लीगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट के आधार पर पुलिस के युवती के साथ बलात्कार न होने के दावे पर सवाल उठाया गया था.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को पांच अक्टूबर 2020 को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि उचित चिकित्सीय देखभाल की कमी की वजह से कप्पन बीमार हैं और वे गंभीर दर्द से जूझ रहे हैं.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. कप्पन की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर विभिन्न पत्रकार संघों ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर प्रदर्शन करते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप मनमाने हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में एक दलित युवती के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को एक साल हो गए. बीते दिनों दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में उनके परिवार के लिए न्याय की मांग के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया.
यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने कप्पन के लेखों के आधार पर कहा है कि वे ज़िम्मेदार पत्रकार नहीं हैं और माओवादियों के समर्थन में लिखते हैं.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर 2020 को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और कथित तौर पर बलात्कार किया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान युवती की मौत के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में देर रात उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.
एक बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज करने के बाद भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने बीते 27 अगस्त को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के ख़िलाफ़ सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस के साथ मारपीट करने के आरोप में गोमतीनगर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश की एक युवती ने 2019 में बसपा सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. युवती और उनके एक सहयोगी ने बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के पास आत्मदाह कर लिया था. दोनों की मौत हो चुकी है. पुलिस का दावा है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी ठाकुर बसपा सांसद अतुल राय के समर्थक हैं. गिरफ़्तारी से कुछ घंटे पहले ही पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने नई राजनीतिक पार्टी के गठन का
वीडियो: देशद्रोह और यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर निवासी अतीक़-उर-रहमान की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. परिवार और उनके वकील का कहना है कि वह दिल की बीमारी से पीड़ित हैं. बार-बार अर्ज़ी देने के बाद भी न तो सुनवाई हो रही न उनका सही इलाज करवाया जा रहा है. द वायर ने अतीकुर्रहमान के वक़ील मधुवन दत्त, भाई और पत्नी से बात की.
यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. आरोप है कि कप्पन और उनके साथी हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे.
यूपी पुलिस ने पिछले अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. इसी हफ्ते मथुरा की स्थानीय अदालत ने इन सभी को शांतिभंग के आरोपों से मुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. उन पर आरोप लगाया था कि हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. यूपी सरकार ने दावा किया था कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को यूएपीए के आरोपों के तहत गिरफ़्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेहतर इलाज के लिए राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश देते हुए कहा कि एक विचाराधीन क़ैदी को भी जीने का अधिकार है.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की पत्नी की ओर से लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि उन्हें मथुरा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जानवर की तरह खाट से बांधा गया है और न वे खाना खा पा रहे हैं और न ही पिछले चार दिनों से भी अधिक समय से टॉयलेट जा सके हैं. कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते समय गिरफ़्तार किया गया था.
एक मृतक महिला के पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी दिवगंत पत्नी की तस्वीर को हाथरस बलात्कार पीड़ित बताकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल और ट्विटर से जवाब मांगा है.