सवाल सेहत का: ख़राब दवाई की महामारी

वीडियो: बीते सालों में भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं. देश में भी दूषित या मिलावटी दवा के चलते मौत की घटनाएं देखी गई हैं. ऐसे में सरकार दवाओं के विनियमन और इनकी मानक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्या करती है? कैसे काम करता है भारत का ड्रग रेगुलेशन सिस्टम?

सवाल सेहत का: स्वास्थ्य का अधिकार आईसीयू में

वीडियो: देश में स्वास्थ्य तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जो चीज़ इसे सुनिश्चित करती हैं, वह स्वास्थ्य देखभाल को विनियमित करने वाले विभिन्न अधिकार और कानून हैं. ‘सवाल सेहत का’ की इस कड़ी में ऐसे ही क़ानूनों के बारे में जानकारी दी गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या अगर मौजूद हैं, तो उन्हें ठीक से लागू नहीं किया जाता है.

सवाल सेहत का: स्वास्थ्य पर ख़र्च में सरकार की तंग-दिली

वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला के दूसरे एपिसोड में भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर किए जाने वाले ख़र्च का मुद्दा उठाया गया है. इस विषय पर दो विशेषज्ञों- ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के इंद्रनील मुखोपाध्याय और आंबेडकर यूनिवर्सिटी की दीपा सिन्हा से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

यूपी: अयोध्या में अब जब डेंगू नया रिकॉर्ड बना रहा है, तो कहीं दर्ज क्यों नहीं हो रहा?

इस बार दीपावली के अवसर पर जब उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में दीपोत्सव मना रही थी, शहर के लोगों में डेंगू का भय समाया हुआ था. 2021 में ज़िले में डेंगू के कुल 571 व 2022 में कुल 668 मरीज़ मिले थे, वहीं इस साल अब तक यह आंकड़ा आठ सौ के पार जा चुका है.

गर्मी के कारण होने वाली मौतों की संख्या सालाना पांच गुना बढ़ सकती है: लांसेट अध्ययन

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लांसेट काउंटडाउन की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट में शामिल एक विश्लेषण में कहा गया है कि तापमान में हो रही बढ़ोतरी को प्री-इंडस्ट्रियल लेवेल से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में होने वाली किसी भी तरह की देरी से दुनियाभर में अरबों लोगों की सेहत और अस्तित्व को विनाशकारी ख़तरा है.

यूपी: स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा दिखा रहे यूट्यूबर से मारपीट, गिरफ़्तार किया गया

घटना सुल्तानपुर ज़िले के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र की है. सोशल मीडिया पर आए वीडियो के अनुसार, यूट्यूबर ललित यादव परिसर में पड़ी गंदगी दिखाते हुए एक एएनएम से बात करने जाते हैं, लेकिन महिला नाराज़ होकर उन्हें ईंट और चप्पल से मारती हैं. बाद में महिला की शिकायत पर यादव को गिरफ़्तार कर लिया गया.

झारखंड: किस स्थिति में है राज्य का कालाजार उन्मूलन अभियान

झारखंड में संथाल परगना प्रमंडल के चार ज़िलों- साहिबगंज, पाकुड़, दुमका व गोड्डा की मुख्यतः ग्रामीण आबादी में परजीवी से होने वाले कालाजार रोग के मामले पाए जाते हैं. उनमें भी आदिवासियों की बहुलता है. जानकारों का कहना है कि अशिक्षा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, कुपोषण, खनन क्षेत्र में प्रदूषण, अंधविश्वास जैसी वजहें इसके उन्मूलन अभियान के लिए प्रतिकूल स्थितियां बनाती हैं.

उत्तराखंड: कॉमन सिविल कोड से पहाड़ की जनता को क्या मिलेगा

अगर पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार कोई क़ानून लाना चाहती है तो उसके बारे में आम जनता को पहले से तफ़्सील से क्यों नहीं बताया जाता कि उत्तराखंड के लिए इसके क्या फ़ायदे होंगे.