गुजरात के एक अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी दो मरीज़ों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हुई थी. मामले की जांच में पता चला है कि इन मरीजों को एंजियोप्लास्टी की ज़रूरत नहीं थी पर अस्पताल ने पैसा बनाने के उद्देश्य से इस सर्जरी की योजना बनाई थी.
वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहले एपिसोड में भारत में किन बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है और उनसे कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में एम्स, दिल्ली के डॉ. आनंद कृष्णन और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: राजस्थान सरकार हाल ही में 'स्वास्थ्य का अधिकार' विधेयक लेकर आई है जिसके तहत राज्य के लोग इमरजेंसी में प्राइवेट अस्पताल में भी निशुल्क इलाज करवा पाएंगे. हालांकि, राज्य के प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक इसका विरोध कर रहे हैं.
सरकार द्वारा जारी ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 रिपोर्ट बताती है कि देश में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आवश्यकता की तुलना में लगभग 80% विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, जिनमें सर्जन, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं.
पिछले सप्ताह भिंड ज़िले के लहार प्रखंड के मारपुरा गांव के हरि सिंह द्वारा उनके वृद्ध पिता को एम्बुलेंस न आने पर ठेले से अस्पताल ले जाने की ख़बर सामने आई थी. इसे 'झूठा और भ्रामक' बताते हुए पुलिस ने ख़बर देने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
गोरखपुर और महराजगंज के जंगल में स्थित 23 वन ग्रामों के वनटांगियों को वन अधिकार क़ानून लागू होने के डेढ़ दशक और कड़े संघर्ष के बाद ज़मीन पर अधिकार मिला. लेकिन आज भी यहां विकास की रफ़्तार धीमी ही है.
घटना पूर्वी चंपारण ज़िले की है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साठ वर्षीय महिला के अचानक बेहोश हो जाने पर पांच घंटों तक लगातार फोन करने और अधिकारियों का चक्कर लगाने के बावजूद जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर उनके गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंची. कुछ घंटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया.