'इंडिया' गठबंधन ने झारखंड की 81 सीटों की विधानसभा में कुल 56 सीटें जीती हैं. यह परिणाम महज़ एक पार्टी की हार और दूसरी की जीत तक सीमित नहीं है. यह जनादेश देश में बढ़ती तानाशाही, हिंदुत्व की राजनीति और जन अधिकारों को कमज़ोर करने वाले कॉरपोरेट नीतियों के विरुद्ध एक संदेश है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कोई भी पार्टी दुबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी, सत्ता विरोधी लहर हमेशा ही बिहार से अलग हुए इस राज्य के चुनाव परिणाम पर हावी रहा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 27 जीत कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन ने इतिहास रच दिया है.
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए नज़र आ रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, झामुमो 28, कांग्रेस 15, राजद 5 और सीपीआई (एमएल-एल) 2 सीटों पर आगे है. वहीं एनडीए को 30 सीटों पर बढ़त हासिल है.
राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में 67.74 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में इस बार मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बन गया है.
झारखंड में कई चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि पार्टी का असल उद्देश्य आदिवासियों के जल, जंगल और ज़मीन को पूंजीवादियों को देने का है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए बांग्लादेशी ‘घुसपैठियों’ के राज्य में आने का दावा किया. सितंबर में शाह की ऐसी टिप्पणियों के बाद बांग्लादेश ने भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया था.
पिछले पांच सालों में भाजपा और केंद्र ने कई बार हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की कोशिश की. हर विपक्षी राज्य की तरह झारखंड में भी ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को घेरने में लगी रहीं. मुख्यमंत्री सोरेन को लोकसभा चुनाव के पहले ऐसे मामले में पांच महीने तक जेल भेजा गया, जिसमें आज तक कोई साक्ष्य नहीं है. इस सबके बीच कैसा रहा सोरेन सरकार का कार्यकाल?
रांची में धरना देते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन सरकार से विधानसभा चुनाव से पहले भूमि बैंक और भूमि अधिग्रहण अधिनियम (झारखंड) संशोधन, 2017 को रद्द करने, पेसा नियमों को अधिसूचित करने, लंबे समय से जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को रिहा करने समेत कई मांगे की हैं.
झारखंड आबकारी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए शारीरिक परीक्षण राज्य के 7 केंद्रों पर आयोजित हो रहा है, जो 4 सितंबर तक चलना है. इस दौरान पलामू में 4, गिरिडीह व हजारीबाग में दो-दो और रांची, पूर्वी सिंहभूम तथा साहिबगंज में एक-एक अभ्यर्थी की मौत हुई हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन इस साल की शुरुआत में पार्टी प्रमुख हेमंत सोरेन की जेल में रहने के दौरान मुख्यमंत्री का पद संभाला था. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोरेन से मुलाक़ात के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की पुष्टि की है.
आम बजट में ग़ैर-एनडीए शासित राज्यों को नज़रअंदाज़ करने के ख़िलाफ़ 'इंडिया' गठबंधन के लगभग सभी मुख्यमंत्री आगामी 27 जुलाई को आयोजित नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे. नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं.
झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाला मामले में ज़मानत दी है. ईडी ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 31 जनवरी को गिरफ़्तार किया था.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक संदेश में कहा कि भाजपा विपक्ष शासित राज्यों में सरकारों को गिराने की कोशिश कर रही है, लेकिन लोकतंत्र को ख़त्म नहीं होने दिया जा सकता. कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ़्तार किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार चुनाव शुरू होने के ऐलान के पहले सरकारी ख़र्चे से अपना प्रचार बड़े पैमाने पर कर चुकी थी. इस तरह वह पहले ही उस रेस में दौड़ना शुरू कर चुकी थी जहां विपक्षी दल इसके शुरू होने घोषणा का इंतज़ार कर रहे थे.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि हड़पने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तार किया गया था. फिलहाल वे जेल में हैं.