राष्ट्रीय सांख्यिकी सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा किए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि अधिकांश राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में मज़दूरी में लैंगिक अंतर बढ़ गया है. दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में पिछले एक दशक में इस अंतर को कम होते देखा गया है.
हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर ज़िले के एक दर्जन गांवों के लोग जलजनित बीमारी की चपेट में आ गए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि एक निर्माणाधीन टैंक से पानी को फिल्टर किए बिना आपूर्ति की गई, जिससे यह बीमारी फैली है.
15 दिसंबर 2022 को अडानी समूह ने हिमाचल प्रदेश में अपने दो सीमेंट संयंत्रों को ट्रक ड्राइवरों के साथ मतभेदों के कारण बंद कर दिया था, जिससे 20,000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. अब सरकार को एक पत्र भेजकर अडानी समूह ने संयंत्र वापस शुरू करने की अपने शर्तें बताई हैं, जिनमें ट्रक ऑपरेटर्स को कम भाड़ा देने और अधिक दूरी तय करने का प्रस्ताव रखा गया है.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री की अध्यक्षता में हुए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में भी ऐसे कई क्षेत्र हैं, जो धीरे-धीरे भू-धंसाव का अनुभव कर रहे हैं. यदि सही समय पर सही समाधान और इसे कम करने के उपाय नहीं किए गए तो व्यापक तबाही होगी.
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना कांग्रेस के चुनावी वादों में से एक था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली कैबिनेट बैठक में इसे मंज़ूरी देते हुए कहा कि योजना का लाभ 13 जनवरी, 2023 से दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.
भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए हिमाचल प्रदेश कॉलेज शिक्षक संघ के महासचिव आरएल शर्मा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, संकाय सदस्यों की आवश्यकता और बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के मूल मुद्दों पर विचार किए बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के बारे में बात कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के नादौन से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि वह पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे. देश में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद यह तीसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार होगी.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पैतृक ज़िले हमीरपुर की पांच में से एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली. ठाकुर के संसदीय क्षेत्र की कुल 17 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 10 पर जीत हासिल की है, दो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
इन चुनावों व उपचुनावों में भाग लेने वाले मतदाताओं ने जता दिया है कि नए विकल्प न भी हों तो वे मजबूर होकर सत्ताधीशों की मनमानियों को सहते नहीं रहने वाले. जो विकल्प उपलब्ध हैं, उन्हीं में उलट-पलटकर चुनते हुए सत्ताधीशों के अपराजेय होने के भ्रम को तोड़ते रहेंगे.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट जीत चुकी है. भाजपा 25 सीट जीत चुकी है. तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मंडी की सेराज विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के अब तक के रुझानों में कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 27 सीटों पर आगे है और एक सीट पर उसे जीत मिल गई है. 3 सीट पर निर्दलीय भी बढ़त बनाए हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के शुरुआती रुझानों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 34 और कांग्रेस 33 सीटों पर आगे है. बहुमत का आंकड़ा 35 है.
बीते 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में करीब 76.44 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे. अब तक हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का चलन देखा गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 और कांग्रेस को 21 सीटें हासिल हुई थीं.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले की फतेहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार पार्टी से बग़ावत करते निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. एक वायरल वीडियो के आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन करके चुनावी मैदान से पीछे हटने का दबाव बनाया है.
भारत के स्वतंत्र होने के बाद पहले आम चुनाव फरवरी 1952 में होने थे, हालांकि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में उस मौसम में बर्फबारी को देखते हुए अक्टूबर 1951 में चुनाव करवा दिए गए थे. उस समय 34 साल के रहे मास्टर श्याम सरन नेगी ने सबसे पहले मतदान किया था. 1 जुलाई 1917 को उनका जन्म जिले के कल्पा नामक गांव में हुआ था.