असम के बराक घाटी के ज़िले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, पड़ोसी राज्य मिज़ोरम के तीन जिलों- आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. दोनों राज्य एक दूसरे पर अपनी ज़मीनों पर अतिक्रमण का आरोप लगाते रहे हैं. बीते 26 जुलाई की शाम कछार ज़िले के लैलापुर से सटे मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंग्टे में हिंसा भड़की थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी.
असम के बराक घाटी क्षेत्र के कुछ संगठनों ने मिज़ोरम को देश से बाकी हिस्से से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को 26 जुलाई से अवरुद्ध किया हुआ है. इससे राज्य में विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है. केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में मिज़ोरम के गृह सचिव ललबियकसांगी ने केंद्र से इसमें हस्तक्षेप करने को कहा है.
वीडियो: असम और मिज़ोरम की विवादित सीमा पर 26 जुलाई को हुए हिंसक झड़प में पांच पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. इस घटना में कछार एसपी समेत 50 अन्य घायल हो गए थे.
असम और मिज़ोरम की सीमा पर गोलीबारी जैसी घटना पहले कभी नहीं हुई थी. इस बारे में दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयान अलग-अलग हैं. हालांकि इस तरह की झड़प को रोकने में गृह मंत्री अमित शाह की विफलता केंद्रीय गृह मंत्रालय की भूमिका पर सवाल उठाती है.
असम में नगांव पेपर मिल और कछार पेपर मिल के जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ रेकग्नाइज़्ड यूनियन्स ने दावा किया है कि 14 जून के बाद से बंद मिलों के चौथे कर्मचारी की मौत हुई है और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पिछले ढाई महीने में यह छठी मौत है. पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल के दौरान भुखमरी या फिर इलाज की कमी के कारण 85 अन्य कर्मचारियों
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने वामपंथी बुद्धिजीवियों, उदारवादियों और मीडिया पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश के बौद्धिक समाज में अब भी वाम.उदारवादियों का वर्चस्व है और मीडिया ने वैकल्पिक आवाजों की अनदेखी करते हुए उन्हें ज़्यादा स्थान दिया है. उन्होंने कहा कि वामपंथी सोच को चुनौती दी जानी चाहिए और अस्तित्व के लिए हमारे लंबे संघर्ष, इतिहास पर आधारित अधिक विचारोत्तेजक पुस्तकों को सही परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाना चाहिए.
असम के मुख्मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि लगभग 1,000 युवाओं को जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को लेकर जागरूकता फैलाने और गर्भनिरोधक का वितरण करने के काम में लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह आशा कार्यकर्ताओं का एक अलग कार्यबल बनाने की भी योजना बना रहे हैं, जिन्हें जन्म नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने और गर्भ निरोधकों की आपूर्ति करने का काम सौंपा जाएगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा द्वारा पेश गो- संरक्षण विधेयक के तहत हिंदू, जैन, सिख बहुल्य इलाकों और गोमांस न खाने वाले अन्य समुदायों वाले क्षेत्रों में गोमांस की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है. साथ ही मंदिर या वैष्णव मठ के पांच किलोमीटर के दायरे में गोमांस खरीदने-बेचने की मनाही है.
असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.
असम के संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हज़ारिका ने कहा कि असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को विधानसभा के 12 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में राज्य के बाहर से मवेशियों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. सूत्रों ने कहा कि गोवध या गोमांस के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन हिंदू क्षेत्रों में इसके सेवन के संबंध में कुछ प्रावधान होंगे.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और निरक्षरता को मिटाने का एकमात्र तरीका दो बच्चों की नीति है. उन्होंने कहा कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है, लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही.
असम के डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर दो गांवों में बसे राज्य के दूसरे सबसे बड़े जातीय समुदाय मिसिंग के क़रीब बारह हज़ार लोग लगभग सत्तर बरसों से बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पुनर्वास की उम्मीद लिए जी रहे हैं. राज्य में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इस समुदाय की दशा अब भी वैसी ही है.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति राज्य की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र द्वारा किया जाता है. इससे पहले अल्पसंख्यकों को उचित परिवार नियोजन की सलाह देने को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी.
असम के कोकराझार ज़िले के अभयाकुटी गांव में 14 और 16 साल की दो नाबालिग बहनों के शव बीते 11 जून को पेड़ से लटके मिले थे. कोकराझार एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाक़ी है, पर मामले में गिरफ़्तार किए गए सात लोगों ने बलात्कार और हत्या की बात स्वीकार की है.