हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सेबी प्रमुख माधबी बुच और उनके पति की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों पर जदयू ने कहा कि विपक्ष कितने मुद्दों पर जेपीसी की मांग करेगा. वहीं, तेदेपा का कहना है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए ख़ुलासे 'केवल आरोप' हैं.
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों की इसकी ताज़ा रिपोर्ट पर दंपत्ति की प्रतिक्रिया बड़े पैमाने पर हितों के टकराव का संकेत देती है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों को लेकर दंपत्ति ने कहा कि उक्त निवेश उन्होंने सिंगापुर में रहते हुए एक आम नागरिक के तौर पर किया था.
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्थान हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख माधबी बुच पर अपनी आय छिपाने और अपने पति की कंपनी को लाभ पहुंचाने के भी आरोप लगाए हैं. साथ ही, अडानी समूह के स्टॉक हेरफेर और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में सेबी की जांच की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्ति किया है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि एक एनर्जी परियोजना में संभावित रिश्वतखोरी को लेकर अडानी समूह के साथ इस जांच के दायरे में भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी- एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सेबी को बेदाग़ बताया गया है, जबकि समूह पर लगे आरोपों को लेकर सवाल सेबी के नियामक के बतौर कामकाज पर भी हैं.
इन चार पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की आलोचना करने वाली उनकी रिपोर्ट को लेकर तलब किया था. अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर दो पत्रकारों द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी, जबकि दो अन्य पत्रकारों की रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रकाशित किया था.
द फाइनेंशियल टाइम्स अखबार के दो पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में अख़बार में प्रकाशित एक लेख के संबंध में प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया था. इससे पहले अदालत ने दो अन्य पत्रकारों को अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर उनके द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट के संबंध में अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि ‘ताज़ा खुलासे’ से पता चलता है कि ओपल इन्वेस्टमेंट नामक कंपनी, जो अडानी पावर में 8,000 करोड़ रुपये की इक्विटी को नियंत्रित करती है, को मई 2019 में दुबई में एक ‘सिंगल पर्सन फर्म’ के रूप में स्थापित किया गया था. इस खुलासे से अडानी की शेल कंपनियों के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों की दुर्गंध और ज़्यादा तेज़ हो गई है.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर किया गया, जिसमें अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल ने सेबी पर आरोप लगाया है कि उसने अडानी की ओर से स्टॉक मार्केट में हेराफेरी करने से संबंधित राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 2014 के अलर्ट को छिपाया था.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति और सेबी अडानी समूह के लेन-देन की जांच करते समय ऐसे बिंदु पर पहुंच गए, जहां से आगे नहीं बढ़ सकते थे. पार्टी ने मामले में सच्चाई को उजागर करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच की अपनी मांग दोहरायी है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर लगे स्टॉक हेर-फेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि छह कंपनियों की ओर से संदिग्ध व्यापार देखा गया है. ये कंपनियां अडानी समूह के शेयरों में संदिग्ध ट्रेडिंग के लिए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने से पहले से जांच के दायरे में हैं.
बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
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