कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया है कि एक ‘मोनोपोली बचाओ सिंडिकेट' काम कर रहा था, जिसके तहत अडानी समूह, प्रमुख नियामक निकायों और भाजपा के बीच ‘खतरनाक सांठगांठ’ थी.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद हितों के टकराव संबंधी गंभीर आरोपों का सामना कर रहीं सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच बीते 24 अक्टूबर को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए संसद की लोक लेखा समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुई थीं.
विपक्ष ने हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप की संसदीय जांच की मांग की है कि सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गईं ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने पिछले महीने कहा था कि इसकी अध्यक्ष माधबी बुच ने 'हितों के टकराव' से जुड़े मामलों से ख़ुद को अलग कर लिया था, लेकिन अब एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि जिन मामलों से उन्होंने ख़ुद को अलग किया था, उनकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय संकट से जूझ रहीं 10 कंपनियों से 62,000 करोड़ रुपये वसूले जाने का दावा किया था, लेकिन अडानी समूह द्वारा उन कंपनियों को खरीदे जाने के बाद उन्होंने 16,000 करोड़ रुपये में समझौता कर लिया.
बीते फरवरी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने माधबी बुच के नेतृत्व में अमेरिकी फर्म ब्लैकस्टोन द्वारा नियंत्रित कंपनी आधार हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ को मंजूरी दी थी.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने बताया है कि इस साल 31 मार्च तक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष माधबी बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड की 99% हिस्सेदारी थी. इस कंपनी ने बुच के सेबी में रहने के दौरान सात सालों में 3 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कमाई की.
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सेबी प्रमुख माधबी बुच और उनके पति की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों पर जदयू ने कहा कि विपक्ष कितने मुद्दों पर जेपीसी की मांग करेगा. वहीं, तेदेपा का कहना है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए ख़ुलासे 'केवल आरोप' हैं.
हिंडेनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों की इसकी ताज़ा रिपोर्ट पर दंपत्ति की प्रतिक्रिया बड़े पैमाने पर हितों के टकराव का संकेत देती है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी के आरोपों को लेकर दंपत्ति ने कहा कि उक्त निवेश उन्होंने सिंगापुर में रहते हुए एक आम नागरिक के तौर पर किया था.
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्थान हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख माधबी बुच पर अपनी आय छिपाने और अपने पति की कंपनी को लाभ पहुंचाने के भी आरोप लगाए हैं. साथ ही, अडानी समूह के स्टॉक हेरफेर और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में सेबी की जांच की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्ति किया है.
अडानी समूह की कथित गड़बड़ियों का ख़ुलासा करने वाली अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि सेबी का नोटिस भारत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है.
अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर हासिल किया है. गौरतलब है कि अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते वर्ष अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर 'कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा' करने का आरोप लगाया था.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि एक एनर्जी परियोजना में संभावित रिश्वतखोरी को लेकर अडानी समूह के साथ इस जांच के दायरे में भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी- एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सेबी को बेदाग़ बताया गया है, जबकि समूह पर लगे आरोपों को लेकर सवाल सेबी के नियामक के बतौर कामकाज पर भी हैं.