कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम को अडानी समूह को बचाने के लिए निवेश करने के लिए मजबूर किया गया, जिसने लोगों की जीवन भर की बचत को ख़तरे में डाल दिया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के ख़िलाफ़ जो अपमानजनक बातें कही हैं, उन्हें वह भले ही दोहराते रह सकते हैं, लेकिन अडानी महाघोटाले में अपनी भूमिका पर हमारे सवालों से वह बच नहीं सकते हैं.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के बाद बीते 22 फरवरी तक एलआईसी, अडानी समूह के अपने निवेश में 94 करोड़ रुपये के लाभ में था, लेकिन 23 फरवरी को दोपहर तक वह 500 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया था.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग, इसके शोधकर्ता नाथन एंडरसन और अन्य के ख़िलाफ़ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की थी. साथ ही, कहा गया था कि सूचीबद्ध कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को रोकने के लिए एक गैग ऑर्डर लाया जाए.
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि वे अडानी शेयरों को लेकर बाज़ार की अस्थिरता पर चिंतित नहीं हैं. अगर अडानी समूह मानकों को पूरा करता है तो बैंक ऑफ बड़ौदा उसे क़र्ज़ देगा.
अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद निशाने पर आए अडानी समूह के संबंध में अमेरिका की फोर्ब्स पत्रिका ने बताया है कि गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने विभिन्न ऑफशोर क्षेत्रों में कंपनियों का एक कथित जाल खड़ा किया, जिनके बारे में नियामक अधिकरणों को नहीं बताया गया.
कांग्रेस ने 'हम अडानी के हैं कौन' श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखे गए तीन सवालों में पूछा है कि विनोद अडानी उन वित्तीय प्रवाहों के केंद्र में हैं जो अडानी की परिसंपत्तियों के एक समूह से दूसरे समूह को ऋण देने के लिए उपयोग किए जाते हैं, क्या यह समग्र घटनाक्रम सेबी और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के योग्य नहीं है?
बीबीसी-हिंडनबर्ग मामले को भारतीय मीडिया इस तरह पेश कर रहा है कि यह भारत के ट्विन टावरों पर किसी हमले से कम नहीं है. ये ट्विन टावर हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी. इन दोनों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप हल्के नहीं हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद कटघरे में आए अडानी समूह से संबंधित मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते हुए कांग्रेस ने पूछा कि टैक्स हेवन देशों से संचालित ऑफशोर शेल कंपनियों के ज़रिये भारत भेजे जा रहे काले धन का असली मालिक कौन है? क्या यह चीन और पाकिस्तान से आया पैसा है?
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट और उसके परिणामों को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अदालत अपनी ख़ुद की एक समिति नियुक्त करेगी. इस दौरान केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में सुझाए गए समिति के सदस्यों के नामों को अपारदर्शी बताकर शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा कि आरबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वित्तीय स्थिरता के जोख़िमों की जांच की जाए और उन्हें नियंत्रित किया जाए. सेबी प्रमुख को लिखे पत्र में उन्होंने एक ऐसी जांच की मांग की जो ‘बिना किसी पक्षपात’ के हो.
विशेष रिपोर्ट: सिंगापुर की एक कंपनी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, जो अडानी समूह का हिस्सा रही है, के ख़िलाफ़ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में ईडी द्वारा 2014 और 2017 में चार्जशीट दायर की गई थी. इस पर घोटाले के प्रमुख आरोपी गौतम खेतान के साथ कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के नाम पर जाली इनवॉइस बनाकर कारोबार करने का आरोप लगाया गया था.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45ई के प्रावधान केंद्रीय बैंक को क्रेडिट जानकारी का ख़ुलासा करने से रोकते हैं.
अडानी समूह के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी ख़बरें चलने लगी थीं कि हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ अमेरिका में तीन मामलों की जांच चल रही है, इसके बैंक एकाउंट जब्त कर दिए गए हैं और इसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों पर रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया गया है.
तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किया, जहां मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला समेत अन्य उद्योगपति मौजूद रहे, हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद सवालों के घेरे में आए उद्योगपति गौतम अडानी वहां नहीं पहुंचे.