‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद: आईएफएफआई के तीन ज्यूरी सदस्यों ने नदाव लपिद का बचाव किया

‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताने के कारण इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) जूरी प्रमुख नदाव लपिद भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे.

कश्मीर फाइल्स पर नदाव लपिद की राय भारत की प्रतिष्ठा की चिंता का ही नतीजा है

इस्राइली फिल्मकार नदाव लपिद को लगा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म समारोह की गरिमा को धूमिल करने वाली प्रविष्टि है, उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए उन्होंने ईमानदारी से अपनी राय रखी. भारत उनके लिए सत्यजित राय, मृणाल सेन, अपर्णा सेन आदि का भारत है. वे उसे अपनी निगाह में गिरते नहीं देखना चाहते.

इस्राइली फिल्मकार का दावा, ‘राजनीतिक दबाव’ में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को महोत्सव में शामिल किया गया

इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी प्रमुख नदाव लपिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘भद्दी’ और ‘दुष्प्रचार वाली’ बताया था. इसे लेकर व्यापक आलोचना के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने अनजाने में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगी है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म: इफ्फी जूरी प्रमुख

53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़रायली फिल्मकार नदव लापिड ने कहा कि हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से हैरान और परेशान हैं, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.

मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम का निधन

भारतीय फिल्म उद्योग में तबस्सुम ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के तौर पर की थी. उन्हें ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था. फिल्मों के बाद उन्होंने ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की एंकरिंग का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था. उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया और इस दौरान तमाम बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया था.

अभिनेता मिथिलेश चतुर्वेदी का निधन

‘गदर: एक प्रेम कथा’, ‘कोई मिल गया’ और ‘रेडी’ फिल्म जैसी फिल्मों में काम कर चुके मिथिलेश चतुर्वेदी को 10 दिन पहले दिल का दौरा पड़ने के कारण मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

आमिर ख़ान ने अपनी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बहिष्कार पर कहा, उन्हें देश से प्यार है

फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए ट्विटर पर किए गए कई पोस्ट में 2015 के एक विवाद को याद दिलाया गया है. उस वक़्त आमिर ख़ान ने कहा था कि वह भारत में ‘असहिष्णुता’ बढ़ने की कई घटनाओं के चलते सतर्क हो गए हैं और उनकी तत्कालीन पत्नी किरण राव ने सुझाव दिया था कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए.

‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ फिल्म की टीम के साथ ख़ास बातचीत

वीडियो: हाल ही में आई फिल्म ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ में आज की दिल्ली के दिल में कहीं छिपे-बसे शाहजहांनाबाद को दिखाने की कोशिश की गई है. फिल्म की निर्माता-निर्देशक अनामिका हक्सर, एडिटर परेश कामदार, संवाद लेखक एवं अभिनेता लोकेश जैन और अभिनेता रविंद्र साहू से बातचीत.

मु​स्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत रोकने के लिए नसीरुद्दीन शाह ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया

अभिनेता शाहरुख़, सलमान और आमिर ख़ान की राजनीतिक मुद्दों पर चुप्पी को लेकर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मैं उनके लिए नहीं बोल सकता. मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि वे बहुत अधिक जोख़िम उठा रहे होंगे, लेकिन फ़िर मुझे नहीं पता कि वे इसके बारे में अपनी अंतरात्मा को कैसे समझाते हैं. मुझे लगता है कि वे ऐसी स्थिति में हैं, जहां उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है.’

फिल्म ‘रनवे 34’ में पायलटों के पेशे का चित्रण वास्तविकता से परे है: भारतीय पायलट संघ

भारतीय पायलट संघ ने अजय देवगन की हाल में रिलीज़ हुई फिल्म ‘रनवे 34’ का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि फिल्म में पायलटों के पेशे का चित्रण वास्तविकता से परे है और इससे हवाई सफर करने वाले यात्रियों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं. फिल्म में पायलटों को ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार करते तथा कॉकपिट में धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है.

अभिनेता सलीम ग़ौस का निधन

सलीम ग़ौस ने अपने अभिनय की शुरुआत 1978 में फिल्म स्वर्ग नरक से की थी, जिसके बाद उन्होंने चक्र, सारांश, मोहन जोशी हाज़िर हो जैसी कई अन्य फिल्मों में अभिनय किया था. उन्होंने श्याम बेनेगल की टीवी सीरीज़ भारत एक खोज में राम, कृष्ण और टीपू सुल्तान की भूमिकाएं निभाई थीं. साथ वह दूरदर्शन के प्रसिद्ध धारावाहिक वागले की दुनिया का भी हिस्सा थे.

हिंदी को लेकर जारी फिल्मी हस्तियों की बहस के बीच दो पूर्व सीएम बोले, यह राष्ट्रभाषा नहीं

बीते दिनों कन्नड अभिनेता किचा सुदीप द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा कहने के संबंध में एक बयान दिया था, जिस पर बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने पटलवार करते हुए कहा था कि हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी. हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण की ‘केजीएफ चैप्टर 2’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों की सफलता ने हिंदी बनाम अन्य की बहस को फिर से तेज़ कर दिया है.

चिरंजीवी ने कहा, जब हिंदी सिनेमा को ही भारतीय सिनेमा बताया गया तो उन्हें अपमानित महसूस हुआ था

साल 1989 का एक वाकया सुनाते हुए तेलुगू अभिनेता चिरंजीवी ने बताया कि उनकी फिल्म ‘रुद्रवीणी’ को नरगिस दत्त सम्मान देने के लिए दिल्ली बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिनेमा के इतिहास को चित्रित करने वाली एक दीवार पर हिंदी सिनेमा की जानकारी भरी हुई थी, लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में बहुत ही कम जानकारी दी गई थी.

हिंदी सिनेमा तमिल-तेलुगू में फिल्में डब कर रहा है, लेकिन सफलता दर कम है: दक्षिण भारतीय अभिनेता

हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण भारतीय फिल्मों को मिली जबरदस्त सफलता के संदर्भ में कन्नड अभिनेता किचा सुदीप ने कहा है कि आज हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर नाम कमा रही हैं. उनका बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और इससे निश्चित रूप से हिंदी का महत्व बढ़ेगा. समय आ गया है कि राजभाषा को देश की एकता

द कश्मीर फाइल्स का सिर्फ एक ही सच है, और वो है मुस्लिमों से नफ़रत

लोग ये बहस कर सकते हैं कि फिल्म में दिखाई गई घटनाएं असल में हुई थीं और कुछ हद तक वे सही भी होंगे. लेकिन किसी भी घटना के बारे में पूरा सच, बिना कुछ भी घटाए, जोड़े और बिना कुछ भी बदले ही कहा जा सकता है. सच कहने के लिए न केवल संदर्भ चाहिए, बल्कि प्रसंग और परिस्थिति बताया जाना भी ज़रूरी है.