उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि जिसे हिंदुस्तान में रहना है उसे हिंदी से प्रेम करना होगा. अगर ऐसा नहीं है तो माना जाएगा वो विदेशी हैं या विदेशी ताक़तों से उनका संबंध है.
बीते दिनों कन्नड अभिनेता किचा सुदीप द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा कहने के संबंध में एक बयान दिया था, जिस पर बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने पटलवार करते हुए कहा था कि हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी. हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण की ‘केजीएफ चैप्टर 2’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों की सफलता ने हिंदी बनाम अन्य की बहस को फिर से तेज़ कर दिया है.
साल 1989 का एक वाकया सुनाते हुए तेलुगू अभिनेता चिरंजीवी ने बताया कि उनकी फिल्म ‘रुद्रवीणी’ को नरगिस दत्त सम्मान देने के लिए दिल्ली बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिनेमा के इतिहास को चित्रित करने वाली एक दीवार पर हिंदी सिनेमा की जानकारी भरी हुई थी, लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में बहुत ही कम जानकारी दी गई थी.
हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण भारतीय फिल्मों को मिली जबरदस्त सफलता के संदर्भ में कन्नड अभिनेता किचा सुदीप ने कहा है कि आज हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर नाम कमा रही हैं. उनका बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और इससे निश्चित रूप से हिंदी का महत्व बढ़ेगा. समय आ गया है कि राजभाषा को देश की एकता
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेज़ी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए. तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु के लोगों पर हिंदी थोपे जाने को न तो स्वीकार करेगी और न ही इसकी अनुमति देगी.
अमित शाह जानते हैं कि सभी भारतीयों पर हिंदी थोपने का उनका इरादा व्यवहारिक नहीं है. लेकिन इससे उनका ध्रुवीकरण का एजेंडा तो सध ही रहा है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य दसवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सनोउजम श्यामचरण सिंह को इसकी आलोचना पर दर्ज शिकायत के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया. उधर, आठ छात्र इकाइयों के संगठन द नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि हिंदी अनिवार्य करना पूर्वोत्तर की मूल भाषाओं के लिए अहितकर होगा और इससे सौहार्द बिगड़ेगा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि अन्य भाषा वाले राज्यों के नागरिकों को आपस में हिंदी में संवाद करना चाहिए. विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ग़ैर-हिंदी भाषी राज्यों के ख़िलाफ़ ‘सांस्कृतिक आतंकवाद’ के अपने एजेंडे को शुरू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.