हिंदी दिवस पर विशेष: जितना बोझ आप बच्चों पर लाद रहे हैं डेढ़ लाख शब्दों का स्त्रीलिंग पुल्लिंग याद करने का, उतना मेहनत में बच्चा रॉकेट बना देगा.
हिंदी दिवस पर विशेष: हम अपनी भाषा की महानता की गाथा में दूसरी भाषाओं के प्रति एक स्पर्धाभाव ले आते हैं. यह ठीक बात नही है. इससे किसी भी भाषा को आगे बढ़ने और दूसरे भाषायी-सांस्कृतिक स्थलों पर फूलने-फलने की संभावना न्यूनतम हो जाती है.