एक हिंदुत्व समर्थक पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चारों शंकराचार्य राजनीतिकरण, उचित सम्मान न मिलने और समयपूर्व किए जा रहे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नाराज़ हैं. इसके अनुसार, शंकराचार्यों का कहना है कि राम मंदिर के निर्माण को क्रियान्वित करने के बावजूद सरकार ‘राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू भावनाओं का शोषण कर रही है’.
गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित हिंदू जनजागृति समिति के सम्मेलन में कहा गया है कि केवल उन्हीं उम्मीदवारों का समर्थन करें, जो देश में गोहत्या पर प्रतिबंध, धर्मांतरण विरोधी क़ानून और हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू धर्म और हिंदू जीवनशैली का मज़ाक उड़ाने वालों को दंडित करने के लिए क़ानून को सख़्त बनाने का समर्थन करते हैं.
हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.