वीडियो: उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीनाथ डोसा स्टॉल पर देवराज पंडित और राष्ट्रीय हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने बीते 18 अगस्त को एक मुस्लिम के काम करने की वजह से हमला कर दिया था. हमले के बाद इसका नाम बदलकर अमेरिकन डोसा कॉर्नर नाम दिया गया है. इसे लेकर द वायर ने कुछ खाद्य स्टॉल मालिकों और पुलिस उपाधीक्षक वरुण कुमार सिंह से मुलाकात की और देवराज पंडित के एक दोस्त से भी बात की, जो हिंदुत्ववादी
उत्तर प्रदेश के मथुरा की विकास मार्केट में 18 अगस्त को हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम डोसा विक्रेता के स्टॉल में तोड़फोड़ की थी. हमलावरों का आरोप है कि मुस्लिम होकर डोसा विक्रेता ने दुकान का नाम हिंदू भगवान श्रीनाथ के नाम पर रखा है. घटना का वीडियो पुलिस के संज्ञान में आने के बाद बीते 28 अगस्त को मथुरा के कोतवाली थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई.
वीडियो: राजस्थान के अजमेर शहर में कानपुर के रहने वाले अशमन अली को उनके नाम और धर्म के कारण ही पीटा गया था. हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता ललित शर्मा ने उनके परिवार के साथ भी मारपीट की थी. इसके बावजूद पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. द वायर से बातचीत में ललित शर्मा का दावा है कि वह किसी भी चीज़ से नहीं डरते. चूंकि उन्हें बजरंग दल के नेताओं और स्थानीय पुलिसकर्मियों का भी समर्थन प्राप्त है.
वीडियो: एक तरफ़ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का देश की एकता को लेकर बयान आता है और दूसरी तरफ़ अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ कुछ भाजपा नेता नफ़रत की आग फैला रहे हैं. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की अल्पसंख्यक इकाई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम में कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा है. जो लोग लिंचिंग में शामिल हैं, वे हिंदुत्व के ख़िलाफ़ हैं. कई विपक्षी नेताओं ने उनके बयान पर 'कथनी-करनी का अंतर' कहते हुए निशाना साधा है.
ग्राउंड रिपोर्ट: 2014 के लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, बागपत, ग़ाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और बिजनौर सीटों पर भाजपा जीती थी. हालांकि, कैराना में हुए उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने रालोद से जीत हासिल की थी. धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया की रिपोर्ट.
वीडियो: 2017 में भारत में हुई बड़ी राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.