नरेंद्र मोदी की जीत का भारत के लिए क्या अर्थ निकलता है? एक हद तक यह उन्हें और भाजपा को दावा करने का मौका देता है कि पिछले पांच सालों में उन्होंने जो कुछ भी किया है, उसके प्रति जनता ने अपना विश्वास जताया है. पर क्या यह सच है?
चुनाव आयोग के मुताबिक माकपा के जाधवपुर से उम्मीदवार बिकास रंजन भट्टाचार्य ही ज़मानत बचाने लायक वोट हासिल करने में कामयाब रहे. वहीं भाकपा के किसी उम्मीदवार की ज़मानत नहीं बच सकी.
उत्तराखंड में भाजपा ने 2014 आम चुनावों के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराते हुए सभी पांच सीटों पर इस बार और अधिक मतों के अंतर से कांग्रेस को मात दे दी.
लोकसभा में पांच फीसदी से कम हुआ मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व, भाजपा से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं होने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.
चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस आंध्र प्रदेश, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, मिज़ोरम, दिल्ली, ओडिशा, सिक्किम, राजस्थान, चंडीगढ़, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप में एक भी सीट नहीं जीत पाई है.
लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली पार्टियों में से भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी तरफ से एक भी मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा है. 542 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों जीत दर्ज की है.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैशी ने हैदराबाद संसदीय सीट पर 2,82,181 वोटों से जीत हासिल की है.
आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.
भाजपा की मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की रणनीति के परिणाम भयावह होंगे.
लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?
जोधपुर में एक संप्रदाय के लोगों द्वारा शनिवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद सांप्रदायिक झड़प शुरू हो गई. कुछ वाहनों में आग लगा दी गई और भीड़ ने पुलिस और कुछ घरों पर पथराव भी किया.
अली-बजरंगबली’ वाली टिप्पणी पर योगी आदित्यनाथ को चुनाव आयोग के नोटिस समेत आज की बड़ी ख़बरें.
चुनाव आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती को भी देवबंद में एक रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस के बजाय सपा-बसपा और रालोद गठबंधन को वोट देने की अपील की शिकायत पर नोटिस जारी किया है.
भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मोहम्मद अख़लाक़ को मार दिए जाने के करीब चार साल बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में कोई पछतावा नहीं दिखता. यहां के मुसलमानों ने ख़ुद को क़िस्मत के हवाले कर दिया है.
समझौता एक्सप्रेस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि अभियोजन कई गवाहों से पूछताछ और उपयुक्त सबूत पेश करने में नाकाम रहा इसलिए मजबूरन आरोपियों को बरी करना पड़ा. जब एनआईए जैसी शीर्ष जांच एजेंसी एक भयानक आतंकी हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में इस तरह बर्ताव करती है, तो देश की जांच और अभियोजन व्यवस्था की क्या साख रह जाती है?