इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध के बहाने भारतीय मुसलमान क्यों बने निशाना?

वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

मनोज झा के भाषण को लेकर विवाद की जडे़ं सिर्फ वहीं नहीं, जहां बताई जा रही हैं 

सामाजिक न्याय के लिए लड़ने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादी शक्तियों से किसी सुविचारित दीर्घकालिक रणनीति के बजाय चुनावी समीकरणों के सहारे निपटते रहे. इसने उन्हें सत्ता दिलाई तो भी सामाजिक न्यायोन्मुख नीतियां लागू व कार्यक्रम चलाकर उसकी अपील का विस्तार नहीं किया. 

सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन को नोटिस भेजा

बीते दिनों तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित 'सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में टिप्पणियों और उक्त सम्मेलन की सीबीआई जांच की मांग की गई है.

क्या आगामी चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी को अब ‘सनातन’ का ही सहारा है?

वीडियो: मध्य प्रदेश में हुई एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सनातन संस्कृति को ख़त्म करने के लिए साथ आए हैं. आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस बारे में इतिहासकार राम पुनियानी, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव और उर्मिलेश के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

क्या विश्व हिंदू परिषद ने मतदाताओं को भड़काने के लिए कमर कस ली है?

वीडियो: विश्व हिंदू परिषद ने 'हिंदुओं को जगाने' के लिए 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक 'शौर्य जागरण यात्रा' निकालने का ऐलान किया है. इसे सांप्रदायिक माहौल बनाए रखने की कवायद बताया जा रहा है. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

उदयनिधि के बयान पर आई प्रतिक्रिया दिखाती है कि ‘सनातनी’ झूठ में ही जीना चाहते हैं

उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए? 

हरियाणा: नूंह में लगाई गई आग का ज़िम्मेदार कौन है?

नूंह के मेव मुसलमान सदियों से क्षेत्र के हिंदुओं के साथ घनिष्ठ संबंध और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन साझा करते आए हैं, लेकिन 2017 के बाद से शुरू हुईं लिंचिंग की घटनाओं और नफ़रत के चलते होने वाली हिंसा ने इस रिश्ते में दरार डाल दी है.

उदयनिधि स्टालिन पर हमला करके भाजपा अपने लिए मुसीबत मोल ले रही है

19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.

क्यों मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हिंदुत्व का बुखार चढ़ गया है?

राष्ट्रीय स्तर पर एक तरफ कांग्रेस वर्तमान हिंदुत्ववादी राजनीति के ख़िलाफ़ लड़ने का दम भरती है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में इसके वरिष्ठ नेता कमलनाथ हिंदुत्व के घोर सांप्रदायिक चेहरों की आरती उतारते और भरे मंच पर उन्हें सम्मानित करते नज़र आते हैं.

नूंह हिंसा से जुड़ी घटनाएं बताती हैं कि दंगा हुआ नहीं बल्कि करवाया गया

वीडियो: नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पें और उसके बाद राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में हुई हिंसा से पहले इसके लिए हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा माहौल तैयार किया गया था, जिसकी पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स करती हैं. तमाम वीडियोज़ सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं, जिनसे सवाल उठता है कि अगर सरकार चाहती, तो ऐसा नहीं होता.

चलती रेल में हत्या, बारूद के ढेर पर हरियाणा: क्या हिंदुत्ववाद है एक सियासी बीमारी?

वीडियो: महाराष्ट्र में एक चलती ट्रेन में आरपीएफ कॉन्स्टेबल द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिमों की हत्या करने और बीते दिनों हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पों की वजह एक ही है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

‘इंडिया’ गठबंधन का अतिआत्मविश्वास से बचकर ज़मीनी सच्चाइयों से वाकिफ़ रहना ज़रूरी है

कई बार एकताओं व गठबंधनों से कुछ भी हासिल नहीं होता. दल मान लेते हैं कि गठबंधन कर लेने भर से बेड़ा पार हो जाएगा. लेकिन ज़मीनी स्तर पर समर्थकों के बीच बहुत-सी ग्रंथियां होती हैं. 'इंडिया' के घटक दलों के समर्थकों के बीच भी ऐसी ग्रंथियां कम नहीं हैं. 

देश में जब भी हिंदुत्ववादी ताक़तवर हुए हैं, महिलाओं के हक़ों की लड़ाई कमज़ोर हुई है

हिंदुत्व के अनुकूलित सुधारक बाल गंगाधर तिलक वर्ण व जाति व्यवस्था को राष्ट्र निर्माण का आधार बताकर उसका बचाव तो किया ही करते थे, वैवाहिक व दांपत्य संबंधों में बालिग या नाबालिग पत्नियों के पूरी तरह अपने पतियों के अधीन रहने के हिमायती भी थे. वे महिलाओं की आधुनिक शिक्षा के विरोधी भी थे.

गुजरात: कच्छ ज़िले में स्कूल हिंदुत्ववादी समूहों का निशाना बन रहे हैं

गुजरात में हाल ही में बच्चों को ईद के समारोह में भाग लेने के लिए कहने के बाद कई स्कूलों को माफ़ी मांगनी पड़ी है. कच्छ ज़िले के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यह क्षेत्र में सांप्रदायिक अराजकता पैदा करने का प्रयास है.